नई दिल्ली।  सरकार ने कहा है कि कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स) में योगदान को कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) खर्च माना जाएगा।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. देश में कोरोना वायरस फैलने के बीच सरकार इस महामारी पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही है। 

कंपनी कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत एक वित्त वर्ष में CSR गतिविधियों पर खर्च करना होता है।  सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘पीएम-केयर्स में किए गए किसी को योगदान को CSR खर्च माना जाएगा.’’ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में ज्ञापन जारी कर स्पष्ट किया है कि कंपनियों द्वारा दान किए गए धन को उनकी CSR गतिविधि में गिना जाएगा।  

सरकार ने आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) बनाया है. यह कोष कोरोना वायरस जैसी किसी आपात स्थिति में मदद देने का काम करेगा. मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘पीएम-केयर्स कोष का गठन किसी आपात स्थिति की वजह से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए किया गया है. इसी के अनुरूप यह स्पष्ट किया जाता है कि पीएम-केयर्स कोष में किए गए किसी भी योगदान को कंपनी कानून, 2013 के तहत CSR खर्च माना जाएगा.’’  

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