बांग्लादेशियों को भारत में बसाने वाले बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ : दिल्ली से 18 रायपुर से 3 घुसपैठिये सहित 8 भारतीय गिरफ्तार, फर्जीवाड़ा कर पाई नौकरी-पासपोर्ट

नईदिल्ली /रायपुर। छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और दिल्ली पुलिस ने अपने अपने राज्यों में बांग्लादेशियों को अवैध रूप से भारत में बसाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ने 3 और दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 18 बांगलादेशी और 8 भारतीयों को गिरफ्तार किया है। जो फर्जी कागजात पर बांग्लादेशी लोगों को असली पासपोर्ट मुहैया कराने का काम करते थे। गिरफ्तार हुए लोगों पर आरोप है कि ये बांग्लादेशियों को हिंदुस्तान में अवैध रूप से बसाने के लिए उनकी मदद करते थे। इसके बदले इन लोगों को पैसे दिए जाते थे। फिलहाल पुलिस ने 8 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। गिरफ्तार लोगों में से चार भारतीयों की पहचान भी की गई है, जो बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाने में शामिल थे। जुल इस्लाम इस रैकेट का सरगना था, जो इस नेटवर्क का संचालन कर रहा था।

पुलिस को हवाला नेटवर्क का भी पता चला
पुलिस ने मामले में आगे बताया कि उन्हें हवाला नेटवर्क का भी पता चला है, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक दुकान की मदद से संचालित हो रहा था। आरोपियों में से एक बार-बार बांग्लादेश की यात्रा करता था। यह सिंडिकेट न केवल उन्हें देश में प्रवेश करने में मदद करता था, बल्कि उन्हें नौकरियां और फर्जी दस्तावेज भी उपलब्ध कराता था। उनकी कार्यप्रणाली में बांग्लादेश से व्यक्तियों को असम लाना, फिर दिल्ली लाना शामिल था, जहां उनके लिए आवास की व्यवस्था की जाती थी, फर्जी पहचान पत्र बनाए जाते थे और उन्हें छोटे-मोटे काम दिलाए जाते थे। पुलिस ने सिंडिकेट के तीन मुख्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है, साथ ही एक अन्य आरोपी को भी पकड़ा है, जो फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड जारी करने में शामिल था।
भारतीय कागजात और एयरलाइन में नौकरी
बता दें कि, इस मामले में कई ऐसे भी बांग्लादेशी गिरफ्तार हुए जिन्होंने फर्जी कागज देकर असली पासपोर्ट हासिल किया। साथ ही वे एयरलाइन कम्पनी में जॉब भी पा गए। इसके अलावा कुछ ऐसे गिरफ्तार हुए जिन्होंने भारत के लोगों को मिलने वाले EWS कोटे का भी फायदा उठाया और अपने बच्चों का दाखिला नामी गिरामी स्कूल में करवाया। ये लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए लोकल पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव के साइन किए गए दस्तावेज उपलब्ध करवाते थे। जिससे उनका आधार कार्ड बन जाता था। जो कुछ भी पैसा ये बांग्लादेशी भारत में कमाते थे, उसे वापस बांग्लादेश भेजने के लिए हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे।
इधर छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रायपुर से गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके पासपोर्ट निरस्त करवा दिए हैं। इसके अलावा, फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी को भी रद्द करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। तीनों बंगलादेशी मोहम्मद इस्माइल (27 साल), शेख अकबर (23 साल) और शेख साजन (22 साल) रिश्ते में भाई है और 8 फ़रवरी को रायपुर से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से वे फर्जी दस्तावेजों के सहारे इराक भागने की फिराक में थे। लेकिन समय रहते ATS ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
फर्जी दस्तावेजों का जाल, बांग्लादेशी मास्टरमाइंड फरार
ATS की जांच में सामने आया कि ये तीनों बांग्लादेशी नागरिक रायपुर में मोहम्मद आरिफ नाम के व्यक्ति की मदद से आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बनवाने में सफल रहे थे। यह पूरा नेटवर्क एक संगठित गिरोह की तरह काम करता था, जिसे शेख अली नाम का व्यक्ति चला रहा था।
शेख अली लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर उन्हें खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। वह अब फरार हो चुका है और पुलिस को उसके बांग्लादेश भागने की आशंका है। शेख अली की तलाश में छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम बांग्लादेश बॉर्डर तक गई, लेकिन फिलहाल वह हाथ नहीं लगा।
2017 से जारी था फर्जी दस्तावेज बनाने का खेल
ATS की जांच में पता चला है कि साल 2017 से यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाकर खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। रायपुर का चॉइस सेंटर संचालक मोहम्मद आरिफ भी इस गैंग का हिस्सा था, जो पैसों के बदले फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी तैयार करता था। ATS को शक है कि इस गिरोह के जरिए कई और बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश छोड़ने की फिराक में हैं। जल्द ही इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।