अडानी ग्रुप गिरवी शेयर छुड़ाने के लिए 111.4 करोड़ डॉलर समय पूर्व भुगतान करेगा, कंपनी ने बयान जारी कर उठ रहे सवालों का दिया जवाब
मुंबई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शेयर मार्केट में गिरावट के बीच अडानी समूह ने सोमवार को कहा कि प्रवर्तक कर्जदाताओं के पास गिरवी रखे शेयरों को परिपक्वता अवधि से पहले छुड़ाने के लिये 111.4 करोड़ डॉलर का भुगतान करेंगे. इसकी परिपक्वता अगले वर्ष सितंबर में होनी है. समूह ने सोमवार को एक बयान में कहा कि गिरवी रखे गए ये शेयर अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी ट्रांसमिशन के हैं. बयान के अनुसार, ‘‘यह कदम शेयरों को गिरवी रखकर वित्तपोषण की व्यवस्था वाले सभी मामलों में समय-पूर्व भुगतान के प्रर्वतकों के आश्वासन के अनुरूप है.
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडाणी समूह के खिलाफ कथित धोखाधड़ी और शेयरों में गड़बड़ी के आरोपों को देखते हुए यह बयान महत्वपूर्ण है. इस रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. बयान के अनुसार, ‘‘हाल में बाजार में आए उतार-चढ़ाव और सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के परिप्रेक्ष्य में हमें यह सूचना देते हुए खुशी है कि प्रवर्तकों ने 111.4 करोड़ डॉलर का समय-पूर्व भुगतान करने का फैसला किया है. वैसे इसकी परिपक्वता अवधि सितंबर 2024 की थी.
168.27 million shares of Adani Ports & Special Economic Zone Ltd, 27.56 million shares of Adani Green Energy Limited and 11.77 million shares of Adani Transmission Limited to be released in due course: Statement on pledge of shares of Adani Listed Companies pic.twitter.com/pDf8VpuTdS
— ANI (@ANI) February 6, 2023
इस भुगतान से अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स के 16.827 करोड़ शेयर वापस आएंगे जो प्रवर्तकों की 12 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. अडाणी ग्रीन के मामले में 2.756 करोड़ शेयर यानी प्रवर्तकों की तीन प्रतिशत हिस्सेदारी जारी होगी. वहीं अडाणी ट्रांसमिशन के 1.177 करोड़ शेयर जारी होंगे. यह प्रवर्तकों की 1.4 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है.
बता दें कि आज अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा में लगातार तीसरे दिन कामकाज नहीं हो सका और एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन में आज भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह पर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट और शेयर बाजार में उससे जुड़े घटनाक्रम के मुद्दे पर जांच के लिए जेपीसी गठित करने तथा इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्षी सदस्यों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होने देने की अपील करते हुए कहा कि सदस्य (अडाणी मुद्दे पर) जो बोलना चाहें, धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में बोल सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘संसद की परंपरा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सबसे पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है. सदस्य चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं. इस विषय पर वित्त मंत्री को जो कहना था, सार्वजनिक रूप से कह चुकी हैं.’’ जोशी ने कहा कि संसद का समय बहुमूल्य है, इसलिए सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर चर्चा शुरू करानी चाहिए और सरकार उत्तर देने को तैयार है. हालांकि हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति सोलंकी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.