November 6, 2024

MP में फैल रहा है नक्सलियों का नेटवर्क, खुफिया रिपोर्ट के बाद सरकार ने केंद्र से मांगी 2 CRPF बटालियन

भोपाल। छतीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में नक्सलियों के बढ़ रहे नेटवर्क को देखते हुए डा. मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने केंद्र से दो सीआरपीएफ (CRPF) बटालियन की मांग की है. मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में नक्सल गतिविधियों को लेकर खुफिया विभाग से मिले सूचना के बाद केंद्र से सीआरपीएफ की 2 बटालियन मांगी है. हालांकि इस नए इनपुट से मध्यप्रदेश की पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति बनानी होगी.

खुफिया विभाग से मिले इंटेल के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से CRPF की दो बटालियन मांगी है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मांगी गई CRPF की दोनों बटालियन प्रदेश के नक्सल प्रभावित एरिया क्रमशः बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिले में तैनात की जाएंगी.

बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में 220 नई सड़क निर्माण का डिमांड
गौरतलब है मोहन सरकार ने प्रदेश में नक्सल गतिविधियों को देखते हुए CRPF की बटालियन के साथ घोर नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में 220 नई सड़क निर्माण की भी मांग की है. सरकार द्वारा प्रस्तावित 220 नई सड़क नक्सली मूवमेंट एरिया में RCP (रिजिड कंकरीट पेवमेंट) से बनेंगी.

नक्सली मध्य प्रदेश में दलम-2 के नाम से कैडर तैयार करने में जुटा हुआ है
खुफिया विभाग से मिली सूचना की मानें तो मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला, डिंडौरी में नक्सलियों के नए कैडर तैयार हो रहे हैं. मध्य प्रदेश ATS के इंटेल के मुताबिक नक्सली मध्य प्रदेश में दलम-2 के नाम से कैडर तैयार करने में जुटा हुआ है.

इन जिलों में नक्सलियों का नया कैडर ‘दलम-2′ के नाम से हो रहा सक्रिय
मध्यप्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की खुफिया जानकारी के अनुसार, इन जिलों में नक्सलियों का नया कैडर ‘दलम-2′ के नाम से सक्रिय हो रहा है, जो नक्सल नेटवर्क को और मजबूत बना सकता है. ATS ने इस बढ़ते खतरे के जवाब में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की आवश्यकता जताई है.

नवा रायपुर में 3 दिवसीय ‘छत्तीसगढ़ राज्योत्सव’ (राज्य स्थापना दिवस) के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा, जिस तरह हमारे मासूम ग्रामीणों और आदिवासियों की हत्या हो रही थी (माओवादी हिंसा में), यह अभियान (नक्सलियों के खिलाफ) सच्चे अर्थों में रामराज्य की स्थापना की दिशा में एक कदम है.

प्रभावित जिलों में सरकार करेगी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा का इंतजाम
सुरक्षा तैनाती के साथ ही, राज्य सरकार ने इन तीन जिलों में 220 नई सड़कों के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा है। इन सड़कों का निर्माण RCP (रिजिड कंक्रीट पेवमेंट) तकनीक से किया जाएगा, जो स्थायित्व प्रदान करेगा और सुरक्षा बलों की पहुंच को सुगम बनाएगा। सड़कों का विस्तार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के संचालन को और प्रभावी बनाएगा.

सरकार का संकल्प, मध्य प्रदेश में जड़ से हो नक्सलवाद का उन्मूलन
पिछले पांच सालों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है, जहां पहले तीन जिलों में 20 पुलिस कैंप थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 43 हो गई है, जिसमें अकेले बालाघाट में 18 कैंप शामिल हैं. हालांकि, नक्सलियों की सक्रिय संख्या में कमी आई है, अब सिर्फ 75 नक्सली सक्रिय हैं.

गौरतलब है नई दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सीएम मोहन यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में कहा था कि राज्य नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सीएम ने कहा था कि पिछले दो वर्षों में उठाए गए कदम पिछले तीन दशकों में देखे गए किसी भी कदम से अधिक प्रभावी रहे हैं.

नक्सलवाद का उन्मूलन के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों के साथ अभियान
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के साथ मिलकर राज्य संयुक्त अभियान चला रहे हैं ताकि नक्सलवाद का उन्मूलन किया जा सके. मंगलवार को डॉ मोहन यादव ने रायपुर में कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियान की पूरे देश में सराहना की जा रही है.

error: Content is protected !!
Exit mobile version