सैलरीड क्लास को बड़ी राहत; सात लाख की कमाई पर लगेगा जीरो टैक्स, इनकम टैक्स रिजीम में किया गया बदलाव
नईदिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला ने आज संसद में बजट 2023 पेश किया. बजट में कई तरह की घोषणाएं की गई हैं. सरकार ने सैलरीड क्लास को राहत देते हुए बड़ा एलान किया है. इस बार के बजट में टैक्स स्लैब को घटाया गया है. पहले यह स्लैब सात थे. इस बार के बजट में इसको घटाकर पांच कर दिया गया है. हालांकि, पुराने टैक्स रिजीम को भी रखा गया है. लेकिन नए टैक्स रिजीम को डिफाल्ट किया गया है और पुरानी व्यवस्था को डिफाल्ट से हटा दिया गया है.
बता दें, अबकी बार की व्यवस्था में अब सात लाख तक की कमाई करने वालों को टैक्स नहीं देना होगा. वहीं, 3-6 लाख रुपये पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा, 12-15 लाख पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा और 15 लाख से ऊपर की कमाई करने वालों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
भारत सरकार ने हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए 1 अप्रैल, 2020 (वित्त वर्ष 2020-21) से शुरू होने वाली एक नई वैकल्पिक कर दर व्यवस्था की शुरुआत की. नतीजतन, धारा 115BAC को आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) में जोड़ा गया है, जो निर्दिष्ट कर कटौती या छूट को छोड़ने पर व्यक्तिगत करदाताओं और HUF के लिए कम कर दरों को निर्धारित करता है.
पुरानी व्यवस्था में लागू टैक्स दरें
2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5.0 लाख तक 5 फीसदी टैक्स लगता है. 5.0 लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. 7.5 लाख से 10 लाख तक की कमाई पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. 12.5 – 15 लाख तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स दोना होता है.
नई कर व्यवस्था की विशेषताएं
नई कर व्यवस्था ने 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू उच्चतम कर दर के साथ 0% से 30% तक के सात कर स्लैब दरों के साथ कराधान के दायरे को बढ़ाया गया था. वहीं, नई व्यवस्था के विपरीत, पुरानी व्यवस्था में 0% से 30% तक चार टैक्स स्लैब थे, जिनकी अधिकतम दर 10 लाख रुपये से अधिक आय पर लागू थी.
अबकी बार के बजट के दौरान वित्तमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा है कि अब सात लाख की कमाई पर शून्य टैक्स देना होगा. वहीं, टैक्स स्लैब को कम कर दिया गया है. पहले सात टैक्स स्लैब थे. अब केवल पांच स्लैब होंगे. अब सरकार की तरफ से 3-6 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा. 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा. 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.