November 7, 2024

क्या डोनाल्ड ट्रंप की जीत से गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार? सेंसेक्स और निफ्टी का बुरा हाल!

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मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों भारी गिरावट देखने को मिल रही है. 7 नवंबर 2024 को जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीते, तो भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर तेजी से गिरावट आई. सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई, और निफ्टी भी 264 अंकों से ज्यादा टूट गया. इस गिरावट को लेकर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें अमेरिकी चुनाव के परिणाम भी शामिल हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या कारण हैं इस गिरावट के पीछे और क्या है ट्रंप की जीत का इस पर असर…

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का हाल
7 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार के शुरुआती घंटों में ही भारी गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स 834 अंकों की गिरावट के साथ 79,567 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी में भी गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट का मुख्य कारण ग्लोबल इकोनॉमी की अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों द्वारा पैसे की निकासी बताया जा रहा है.

सेंसेक्स में लिस्टेड प्रमुख कंपनियों में बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, अदाणी पोर्ट्स और नेस्ले जैसी कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई. वहीं, कुछ कंपनियों के शेयर जैसे टाटा स्टील, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में थोड़ी सी बढ़ोतरी देखने को मिली.

क्या डोनाल्ड ट्रंप की जीत से जुड़ी है गिरावट?
डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत से भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ा है, ऐसा कुछ विश्लेषक मानते हैं. हालांकि, ट्रंप के चुनावी परिणामों की घोषणा के कुछ घंटों बाद भारतीय बाजार में गिरावट आई, लेकिन इसे केवल एक इत्तेफाक नहीं कहा जा सकता.

विशेषज्ञों का मानना है कि जब ट्रंप ने चुनाव में जीत दर्ज की, तब से ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता का माहौल बन गया. अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दिशा में बदलाव आने की आशंका बनी रहती है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है. इसके अलावा, विदेशी निवेशकों का भरोसा भी प्रभावित हो सकता है, जिसके कारण वे भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा बाहर निकाल रहे हैं.

फेड रिजर्व की बैठक का असर
भारतीय शेयर बाजार की गिरावट का एक और महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी फेड रिजर्व की बैठक भी है. 7 नवंबर को यूएस फेड की बैठक हो रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि ब्याज दरों में कोई बदलाव किया जाए या नहीं. विशेषज्ञों का मानना है कि फेड 0.25 प्रतिशत तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. अगर यह उम्मीद के मुताबिक हुआ, तो बाजार में ज्यादा हलचल नहीं होगी. लेकिन अगर फेड ने दरों में कटौती से परहेज किया या अपेक्षा से अधिक कटौती की, तो इसका असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, और भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहेगा.

भारत में निवेशक सर्तक
अभी के लिए भारतीय निवेशक सतर्क होकर बाजार में निवेश कर रहे हैं. कई निवेशक अपने मुनाफे को सुरक्षित करने के लिए प्रॉफिट बुकिंग भी कर रहे हैं. यही कारण है कि बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि, कुछ विश्लेषक इसे एक अस्थायी गिरावट मानते हैं और भविष्य में बाजार में सुधार की उम्मीद जताते हैं.

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की कई वजहें हैं, जिनमें अमेरिकी चुनाव, फेड रिजर्व की बैठक और विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी प्रमुख कारण हैं. डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारतीय बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना है, लेकिन यह गिरावट स्थायी नहीं हो सकती. निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, और आगे चलकर बाजार में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है. इस समय, निवेशकों को अपने निवेश फैसले सोच-समझकर और विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित करना चाहिए.

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