लोकतंत्र में लोकसभा और विधानसभा सबसे अहम स्थल – सोनिया गांधी
रायपुर। लोकतंत्र के सबसे बड़े और अहम स्थल लोकसभा और विधानसभा है. यह हमारा मंदिर हैं, लेकिन संविधान इन भवनों से नहीं भावनाओं से बचेगा. आज़ादी की लड़ाई के दौरान हमने जो किया था, अब भी बहुत कुछ करना बाकी है. यह बात सोनिया गांधी ने नवा रायपुर में बनने वाले नए विधानसभा भवन के लिए आधारशिला कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही.
सोनिया गांधी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि हमारा संविधान आज खतरे में है. जनता को एक दूसरे से लड़ाकर देश में कुछ ताकतें काम कर रही हैं. देश में तानाशाही का प्रभाव पड़ रहा है. वो हमारे आदिवासी, महिलाएं, किसान, जवान सभी की ज़बान बन्द रखना चाहते हैं. यही वो दिन है हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को सुरक्षित रखने की शपथ लें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा अंतिम व्यक्ति तक का ख्याल रखा जा रहा है. इन 15 सालों में छत्तीसगढ़ को पिछड़ा कर दिया है. सोनिया गांधी ने सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि भूपेश बघेल अपने सहयोगियों के साथ समावेश कर सभी के दिलों को जीत रहे हैं.
इस अवसर पर नया रायपुर में 51 एकड़ में बनने वाले नए विधानसभा भवन का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शनिवार को बटन दबाकर शिलापट का अनावरण किया. भूमिपूजन कार्यक्रम में नई दिल्ली से कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा भी जुड़े . इस अवसर पर विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, संसदीय सचिव, विधायक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रारूप समिति का गठन आज ही हुआ था. संकल्पना जोगी सरकार की थी. कुछ फेरबदल के साथ 15 साल में मंत्रालय और सड़क बना. हज़ारों करोड़ खर्च हो चुका है. ये बस नहीं हो पा रहा था, इसलिए इसलिए सबसे पहले राजभवन, मंत्रियों का निवास, अधिकारियों का निवास पिछले साल बन चुका था. लेकिन मंत्रालय सुनसान है. अगर शहर को नहीं बसाया गया तो ये खंडहर बन जाएगा. शहर बसना शुरू हो जाएगा. संसदीय सचिवों को नए शहर में मकान अलॉट कर दिए गए हैं.उन्होेंने कहा कि कुछ साथी हैं जिन्हें सभी विधानसभा में बैठने का अनुभव है. मिंटो हाल, मध्यप्रदेश की विधानसभा, जूदेव पैलेस, जीरो पॉइंट सबमें बैठे हैं. मध्यप्रदेश की विधानसभा 13 साल में बनी. आप मुझसे 3 साल में बनाने को कह रहे हैं. कोशिश है कि जल्द बने. विधानसभा के मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि 4 दिन का सत्र हुआ. 4 दिन में इतना काम हुआ, जितना एक हफ्ता 10 दिन में नहीं होता. जब से विधानसभा आहूत हुआ तब से खूब बारिश हो रही है. जांजगीर में खूब बारिश हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हर सम्भव प्रभावितों को मदद करने के निर्देश दिया है. प्रयास होगा कि इसी कार्यकाल में विधानसभा में प्रवेश कर जाएं.
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने उद्बोधन में नए भवन का निर्माण शुरू होने पर सबको बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि इसे कुछ समय बाद बनाया जाए, लेकिन हमारी ज़िद में वे तैयार हो गये. अनुपूरक बजट में व्यवस्था भी हो गई. 20 साल में महसूस करते थे कि कार्यपालिका से विधानसभा से दूरी ज़्यादा है, इससे नियंत्रण कम हो गया है. अब यहां सचिव पैदल आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जब तक मातृशक्ति का आशीर्वाद नहीं हो तो फलता नहीं है, तो सोनिया जी मातृ शक्ति हैं, उनका आशीर्वाद मिल रहा है. हम उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा करेंगे.डॉ. महंत ने कहा कि पहली बार 4 दिन की विधानसभा. अगर कोरोना से लड़ना है तो लड़ा जा सकता है. छत्तीसगढ़ को बनाने की मांग करने वालों को प्रणाम. प्रदेश के बाद जोगी को मौका मिला. आपको पूर्वजन्म के कर्म से आपको ये मौका मिला. गरीब और वंचितों की सेवा का मौका मिला है, जितना काम हो सके, करना चाहिए. डॉ. महंत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा कि इस कार्यकाल में इसका उद्घाटन होना चाहिए. चुनाव से पहले इसमें बैठना है, इसलिए अधिकारी को निर्देश दीजिये.