January 10, 2025

इस गांव में मारुति की गाड़ियां हैं बैन, दिखते ही लोग कर देते हैं तोड़फोड़… दैत्य से जुड़ी है कहानी…

AHMAD

AI जेनरेटेड फोटो.

अहमदनगर। भगवान श्री राम के भक्त और परम मित्र हनुमान को हर हिंदू पूजता है. लेकिन क्या आप जानते हैं महाराष्ट्र के एक गांव में हनुमान भगवान को नहीं बल्कि उनके परम शत्रु निंबा दैत्य को पूजते हैं. इस गांव का बच्चा-बच्चा निंबा दैत्य का भक्त है. यह गांव मुंबई से 350 किलोमीटर दूर अहमदनगर में स्थित है. यहां के लोग निंबा दैत्य को ही आदिपुरुष मानते हैं.

यहां चारों तरफ उस दैत्य का ही राज्य है. इस गांव में भगवान हनुमान जैसे महाबली का नाम भी लेना घोर पाप है. हनुमान, बजरंग बली, मारुति जैसे नाम से लोग यहां नफरत करते हैं. इस गांव के लोगों का मानना है कि भगवान हनुमान जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए थे, वह यहीं स्थित था. यही वजह है कि यहां के लोग हनुमानजी से नाराज हैं.

यहां तक कि इस गावं के निवासी लाल झंडा तक नहीं लगा सकते. उनका कहना है कि जिस समय भगवान हनुमान संजीवनी बूटी लेने आए थे, तब पहाड़ देवता साधना कर रहे थे. हनुमान जी ने इसके लिए अनुमति तक नहीं मांगी और न ही उनकी साधना पूरी होने का इंतजार किया. भगवान हनुमान ने पहाड़ देवता की साधना भी भंग कर दी. इतना ही नहीं हनुमान ने द्रोणागिरी पर्वत ले जाते समय पहाड़ देवता की दाई भुजा भी उखाड़ दी.

पर्वत से लाल रंग बहता है : मान्यता है कि आज भी पर्वत से लाल रंग का रक्त बह रहा है. यही वजह है कि द्रोणागिरी गांव के लोग भगवान हनुमान की पूजा नहीं करते और न ही लाल रंग का ध्वज लगाते हैं. इस गांव के लोग अपनी बेटियों की शादी भी ऐसे गांव में नहीं करते जहां भगवान हनुमान की पूजा होती है. गांव में कोई भी शुभ काम करने से पहले निंबा दैत्य महाराज की पूजा की जाती है.

मारुति की गाड़ियां बैन : यहां आप कोई भी गाड़ी लेकर आ सकते हो, शर्त ये है कि वो मारुति कंपनी की गाड़ी नहीं होनी चाहिए. अगर कोई इंसान मारुति की गाड़ी लेकर इस गांव में एंट्री मारता है तो उसकी गाड़ी को तोड़ दिया जाता है. दरअसल, भगवान हनुमान का दूसरा नाम मारुति है. यही वजह है कि द्रोणागिरी गांव के लोग इस नाम को सुनना भी पसंद नहीं करते.

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