जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक का अहम योगदान : प्रेमसाय सिंह टेकाम
रायपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर देश के समस्त शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक का अहम योगदान होता है। शिक्षक अपने ज्ञान से विद्यार्थियों को ही आलोकित नहीं करते बल्कि पूरे समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं। यही कारण है कि गुरू को श्रेष्ठ माना गया है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा है कि समय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों पर चुनौतियों के साथ जिम्मेदारी बढ़ी है। वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस बीमारी का सीधा असर शिक्षा पर भी पड़ा है। स्कूल लम्बे समय तक बंद है। इस स्थिति में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव भी करना पडा है। बच्चों को पढ़ाई से निरंतर जोड़े रखने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने आनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुवार’ शुरू किया है। इसके बाद ऑफलाइन व्यवस्था के तहत लाउडस्पीकर, पढ़ई तुंहर पारा और बुलटू के बोल के जरिए ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचलों में पढ़ाई कराई जा रही है। कई शिक्षक स्वेच्छा से अपने आसपास के परिस्थितियों के आधार पर बच्चों की शिक्षा के लिए नवाचारी उपाय कर रहे हैं। ऐसे समर्पित शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा।
मंत्री डॉ. टेकाम ने शिक्षकों से आव्हान किया है कि वे डॉ. राधाकृष्णन द्वारा दिए गए संदेश को आत्मसात कर अपने ज्ञान के आधार पर आने वाले पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य गढ़े। उन्होंने शिक्षक दिवस के अवसर पर यह उम्मीद जताई है कि राज्य के सभी शिक्षकगण कोरोना संक्रमणकाल जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अपने ज्ञान के प्रकाश से छत्तीसगढ़ को आलोकित करेंगे।