April 19, 2024

निजी स्कूल संचालकों को मिला 3 दिन का समय, DEO ने कहा- मनमानी नहीं चलेगी, सरकार का जो नियम है वो तो मानना ही पड़ेगा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर डीईओ ने सोमवार देर शाम 240 स्कूलों की मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया। प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ जारी किए गए इस आदेश के बाद से हड़कंप हैं। स्कूल अपनी संस्था की मान्यता को लेकर तो परेशान हैं कि दूसरी तरफ इन स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले पैरेंट्स भी बच्चों के भविष्य का खतरा महसूस कर रहे हैं। मंगलवार की दोपहर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर से बात की। स्कूल एसोसिएशन की तरफ से राजीव गुप्ता ने इस प्रशासनिक आदेश को गलत ठहराया। एसोसिएशन की मांग पर डीईओ ने इन्हे 3 दिवस का समय देते हुए निर्देशित किया हैं कि उक्त अवधि में विद्यालय फ़ीस अधिनियम समिति का गठन कर प्रस्ताव नोडल अफसर के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए।  

शिवम इंटरनेश्नल स्कूल के सीईओ विनोद पांडे ने बताया कि हमें तो मीडिया से पता चला इस आदेश के बारे में । मान्यता रद्द करने की लिस्ट में हमारे स्कूल का भी नाम है। हमने पूरी प्रक्रिया को फॉलो किया है। पहले कोई नोटिस नहीं दी गई। अब अफसर पैनिक क्रिएट कर रहे हैं। कोरोना की वजह से पहले से ही स्कूलों की अर्थव्यवस्था खराब है। परिजन फीस नहीं दे पा रहे हैं। इसके बाद भी हमने समिति का गठन किया इसकी जानकारी भी दी मगर मान्यता रद्द करने का नोटिस दिया गया है। मुझे लगता है कि समिति बनाने वाले स्कूलों का सही डेटा विभाग के पास न होने के कारण ऐसा किया गया है। हमनें जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर त्रुटियों को दूर करने को कहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर का साफ़ साफ़ कहना है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने फीस अधिनियम 2020 अक्टूबर में बनाया है। 4 महीने हो चुके हैं स्कूलों ने अपने यहां फीस निर्धारण समिति का गठन नहीं किया है। मौजूदा सत्र खत्म हो रहा है और नया सत्र शुरु होने की ओर है। ऐसे में स्कूल के संचालक एडमिशन ले रहे हैं। आखिर जब फीस ही नियमों के मुताबिक तय नहीं हुई तो एडमिशन का अधिकार कैसे मिल गया इन्हें। यह या तो मनमानी कर रहे हैं, या अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहते हैं। लेकिन सरकार का जो नियम है वो तो मानना ही पड़ेगा।

नोटिस में सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई का जिक्र है। दरअसल इन्हीं पर जिम्मा था कि वो स्कूलों में समितियां बनवाएं। 15 दिन बाद इस मामले बड़ा एक्शन होने की उम्मीद है। इस बीच स्कूलों के पास समय होगा कि वो अपील में जाकर अपना पक्ष रखें। अगर स्कूलों की मान्यता रद्द होती है तो सरकार के नियमों के मुताबिक आस-पास के दूसरे स्कूलों में बच्चों का एडमिशन करवाया जाएगा।


जिन 240 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है उनसे लगभग 10 हजार बच्चे जुड़े हुए हैं। स्कूलों की तरफ से संचालक राजीव गुप्ता ने बताया कि हम इस नोटिस को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। आधे अधिक स्कूलों ने फीस निर्धारण समिति बना ली है मगर अफसरों तक नोडल अधिकारियों ने जानकारी ही नहीं पहुंचाई है। यदि किसी ने समिति नहीं बनाई तो यह कोई ऐसा अपराध नहीं कि मान्यता ही रद्द कर दें। वक्त लिया जा रहा है समिति जिन्होंने नहीं बनाई, बना लेंगे।

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