CG – Pink Eye : रायपुर से बस्तर तक फैला आंखों का संक्रमण, हर दिन मिल रहे 70 मरीज; जानें कैसे करें बचाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेजी से आई फ्लू या पिंक आई (कंजंक्टिवाइटिस) का संक्रमण फैल रहा है। रायपुर से लेकर बस्तर और प्रदेश के अन्य जिलों में इसके मरीज सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में हैं। आंकड़ों की बात करें तो औसतन 60 से 70 मरीज रोज मिल रहे हैं। पिछले सात दिनों में रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में ही 300 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। वहीं दो दिन में बिलासपुर में 500 और बस्तर में 15 दिनों में 1200 से ज्यादा केस मिले हैं। यह सिर्फ सरकारी आंकड़ें हैं। प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में मरीजों का आना जारी है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।
बालोद, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर और कोरबा सहित अन्य जिलों में स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमण की चपेट में हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूलों सहित अन्य जगहों पर कैंप लगाया गया है। दुर्ग में स्वास्थ्य विभाग की ओर से खुर्सीपार क्षेत्र के शिवाजी नगर में दो दिन पहले लगाए गए शिविर में दो घंटे के भीतर ही कंजक्टिवाइटिस के 70 से अधिक मरीज पहुंच गए थे। इसमें बच्चों से लेकर, गर्भवती महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल थे। जगदलपुर के महारानी अस्पताल में 15 दिनों में 750 और मेकाज में 350 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं। रोजाना इनका आंकड़ा 25 से 50 केस है।
जगदलपुर में डॉक्टरों की टीम की गई गठित
बस्तर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम और बचाव के लिए नेत्र विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। इसमें महारानी अस्पताल की डॉ. सरिता थॉमस, डॉ. भाषिता साहू, मेडिकल कॉलेज डिमरापाल की डॉ छाया शोरी, डॉ. मनीकिरण और डॉ. टीसी आडवानी शामिल हैं।
कंजंक्टिवाइटिस क्या होता है और उसके लक्षण
कंजंक्टिवाइटिस आंखों में होने वाला एक सामान्य संक्रमण है और प्रायः अपने आप ठीक हो जाता है।
यह तीन प्रकार के हैं, बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस, वायरल कंजंक्टिवाइटिस और ज्वाइंट पेपिलरी कंजंक्टिवाइटिस है।
कंजंक्टिवाइटिस का मुख्य कारण वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी हो सकते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है।
टावेल-गमछा और अन्य घरेलू सामान का उपयोग करने पर संक्रमण फैल जाता है।
आंख का पुतली का सफेद हिस्सा लाल हो जाता है।
आंखों में जलन खुजली, आंखों में पानी या आंसू आना, पलकों में सूजन।
इस तरह करें बचाव
मरीज के आस-पास रहने वाले लोगों को कई बार साबुन, पानी या सेनिटाइजर से हाथ धोना चाहिए।
फिल्टर किए ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
टिश्यू पेपर से ही आंखों को पोछकर कचरे के डिब्बे में डालें।
रोशनी की चकाचौंध से बचने के लिए धूप का चश्मा पहनें।
नेत्र विशेषज्ञ द्वारा दी गई सलाह के अनुसार दवाई का उपयोग करें।
कंजंक्टिवाइटिस होने पर भीड़ में न जाएं।
अपने उपयोग की वस्तुएं किसी को न दें।
आंखों को हाथों से न रगड़ें और कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग न करें।
उपयोग की गई आई-ड्रॉप्स का उपयोग न करें।
नेत्र विशेषज्ञ से बिना पूछे स्टीरॉयड, आई-ड्रॉप्स या दवाएं सीधे मेडिकल स्टोर से न खरीदें।