पेट की आंतों को भी प्रभावित करता है Covid-19 वायरस, जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ शोध
कोरोना वायरस उन कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है और प्रतिकृति बना सकता है, जो मानव आंतों के अंदर होती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, इससे स्पष्ट हो सकता है कि Covid-19 वाले कुछ रोगियों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र संबंधी) लक्षण क्यों अनुभव होते हैं। जर्नल साइंस में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि SARS-CoV-2 वायरस आंतों को टारगेट करता है।
नीदरलैंड्स के इरास्मस मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययनों से पता चला है कि वायरस ACE2 नामक एक एंजाइम का शोषण करके फेफड़ों में एपिथेलियल सेल्स में प्रवेश करता है। इससे यह खुद को दोहराने लगता है और आगे फैलता जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की क्षति होने की वजह से Covid-19 श्वसन संबंधी कुछ लक्षणों के लिए जाना जाता है, जो अधिक गंभीर मामलों में खांसी और सांस की तकलीफ से लेकर निमोनिया तक हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रारंभिक टिप्पणियों से पता चलता है कि वायरस आंत की कोशिकाओं को भी संक्रमित कर सकता है। मरीजों को कभी-कभी दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण दिखाई देते हैं। टीम ने तीन आयामी (3डी) संरचनाएं उत्पन्न कीं जो सभी प्रकार के मानव छोटी आंतों के उपकला को प्रदर्शित करती हैं और उन्हें चार अलग-अलग संस्कृति स्थितियों में विकसित करती हैं।शोधकर्ताओं ने कहा कि अलग-अलग परिस्थितियों में पैदा होने वाले इंसानों की छोटी आंतों में अलग-अलग मात्रा में ACE2 होते हैं, और इन्हें SARS-CoV-2 से संक्रमित किया जा सकता है। फिलहाल इस वायरस को खत्म करने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है। मगर, माना जा रहा है कि इस साल के अंत से पहले शायद ही टीका बाजार में उपलब्ध हो सके।