बड़ी खबर: IPL टाइटल स्पॉंसर से हटा VIVO
मुंबई। चीनी मोबाइल फोन निर्माता की स्थानीय शाखा VIVO इंडिया और बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग के 2020 संस्करण के लिए अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। बता दें कि VIVO इंडिया ने 2017 में बीसीसीआई के साथ आईपीएल के लिए पांच साल की टाइटल स्पॉंसरशिप का करार किया था. इस करार का मूल्य 2,199 करोड़ रुपये था, जिसके अनुसार VIVO को हर साल 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।
एक मीडिया हाउस के सूत्र के हवाले से ये खबर है कि VIVO इंडिया और बीसीसीआई ने फिलहाल 13वें सीजन के लिए अपने रास्ते अलग किए हैं वहीं अगले सीजन में वो फिर से एक दूसरे के साथ जुड़ेंगे और डील को पूरा करने की ओर आगे बढ़गें.
VIVO मामलें में राहत मिलने के बाद बीसीसीआई की अब अगली चिंता ये होगी कि वो इतने कम समय में दूसरे स्पॉंसर कैसे जुटाएंगे?देश में चीन को लेकर छिड़ी जंग के चलते सभी लोग एक जुट होकर चीन के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं वहीं कई खेल इकाइयों ने भी एक साथ चीनी स्पॉंसर के साथ अपना करार खत्म कर दिया था लेकिन रविवार को हुई आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग के दौरान ये फैसला लिया गया कि बीसीसीआई सभी स्पॉंसर्स को रिटेन करेगी साथ ही चीन की मोबाइल कंपनी की स्पॉंसरशिप को भी रिटेन करेगी. बीसीसीआई के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा और सभी ने आईपीएल को बैन करने की बात कह डाली. जिसके बाद ऐसे समीकरणों के चलते VIVO को अपना हाथ वापस खिंचना पड़ा.
दूसरी ओर, बीसीसीआई के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. बता दें कि VIVO का डील से हटने के चलते अब बीसीसीआई को इतने कम समय में एक नया स्पॉंसर ढूंढना होगा. जो की कोविड संकट के चलते और भी मुश्किल है.एक बड़े मीडिया हाउस से बातचीत में सूत्र ने कहा, “यह सभी पक्षों की सुरक्षा के लिहाज से एक कड़ा अनुबंध था. बीसीसीआई ने एक प्रयास किया है कि अभी इस पर कोई कानूनी अड़चन न आए.”
इस मामले पर बीसीसीआई का कहना है कि वो “भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की सामान्य भावना को पूरी गंभीरता से लेता है” और आवश्यक समाधान खोजने के लिए अपने हितधारकों और सामान्य रूप से उद्योग के साथ बैठक भी करेगा.