छत्तीसगढ़ : बास्केटबॉल के द्रोणाचार्य राजेश पटेल को मरणोपरांत ई-कॉन्क्लेव आईबीपीए सम्मान
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बास्केटबॉल के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले राजेश पटेल को ई-कॉन्क्लेव आईबीपीए के सम्मान से सम्मानित किया गया। राजेश पटेल जिन्होंने ना सिर्फ बास्केटबॉल में अपना मुकाम हासिल किया बल्कि ऐसा इतिहास बनाया जिसे पाना हर एक कोच का सपना होता है। राजेश पटेल ने अपने कोचिंग में 103 मेडल जीते और उनके 180 स्टूडेंट्स को खेल कोटा से सरकारी नौकरी मिली है। इसके साथ ही 2 बार उन्होंने सीनियर नेशनल का भी खिताब अपने नाम किया है जिसमें 2014 की वह जीत भी शामिल है जिसमें छत्तीसगढ़ की टीम ने भारतीय रेलवे को हराकर इतिहास बना दिया था।
राजेश पटेल की जीवनी पर फिल्म भी बन रही है जो लॉकडाउन के बाद जल्द सिनेमाघरों में आएगी। राजेश पटेल की उपलब्धियों को देखते हुए आईबीपीए (इंटरग्रेटेड बास्केटबॉल प्लेयर एसोसिएशन) जिसमें बास्केटबॉल के दिग्गज लोग शामिल है, इस सम्मान से नवाजा गया है।
राजेश पटेल को मिलने वाले इस सम्मान को लेकर सोनमणि बोरा (संरक्षक छत्तीसगढ़ प्रदेश बास्केटबॉल एसोसिएशन) , राजीव जैन (अध्यक्ष) , अनिल पटेल (सेक्रेटरी) , कमल सिंघल (कोषाध्यक्ष) और प्रदेश के समस्त बास्केटबॉल के अधिकारियों ने उनके परिवार को शुभकामनाएं दी।
बता दें कि राजेश पटेल पूरे भारत के बास्केटबॉल के सबसे बेस्ट कोच में से एक रहे हैं। उनका निधन हार्ट अटैक से 2018 में हुआ। राजेश पटेल भिलाई के रहने वाले थे। बास्केटबॉल में योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं इसमें विक्रम पुरस्कार , विश्वामित्र पुरस्कार, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार, 6 बार सेल का बेस्ट कोच पुरस्कार, दो बार पंडित नेहर नेहरू पुरस्कार, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार , नेशनल स्पोर्ट्स टाइम पुरस्कार साथ ही 2015 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सर्वाधिक गोल्ड मेडल दिलाने वाले कोच के रूप में भी उनका नाम दर्ज है।