नहीं रहा दर्शकों की मांग पर छक्का उड़ाने वाला सूरमा, अफगानिस्तान से आकर भारत के लिए खेला
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वो 88 साल के थे. लोगों की डिमांड पर छक्के जड़ने वाले दुर्रानी कैंसर से जूझ रहे थे. वो अुर्जन अवॉर्ड जीतने वाले भारत के पहले क्रिकेटर थे. यही नहीं वो अकेले ऐसे भारतीय क्रिकेटर थे, जिनका जन्म अफगानिस्तान में हुआ था. 1934 में उनका जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. इसके बाद उनका परिवार कराची में बस गया और फिर बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया.
1960 में भारत की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सलीम दुर्रानी ने 29 टेस्ट में देश का प्रतिनिधित्व किया. 29 टेस्ट की 50 पारियों में उन्होंने 1202 रन ठोके और 75 विकेट लिए. 1962 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 177 रन पर 10 विकेट लिए थे, जो उनके करियर की सबसे बेस्ट बॉलिंग रही.
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर 1961- 1962 में इंग्लैंड के बल्लेबाजों की धज्जियां उड़ाने के लिए काफी फेमस हैं. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 20 से ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती थी, जिसके हीरो दुर्रानी थे. उन्होंने उस सीरीज में कुल 23 विकेट लिए थे. कोलकाता टेस्ट में उन्होंने 8 और चेन्नई टेस्ट में 10 विकेट लिए थे. बल्ले और गेंद दोनों से अक्सर दर्शकों का मनोरंजन करते थे.
वेस्टइंडीज दौरे पर टीम में वापसी
दुर्रानी को 1967 से 1970 के बीच भारतीय टीम से बाहर भी कर दिया गया था, जिसके बाद 1971 में वेस्टइंडीज दौरे के लिए उनकी टीम में वापसी हुई और फिर उन्होंने वहां पर कैरेबियाई टीम के खिलाफ भारत की पहली ऐतिहासिक सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई.
सोबर्स और लॉयड का शिकार
टीम में वापसी के लिए दुर्रानी को कप्तान अजीत वाडेकर का साथ मिला और उन्होंने भी इस दौरे पर कप्तान को निराश नहीं किया. दुर्रानी ने पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में गैरी सोबर्स और क्लाइव लॉयड को आउट कर किया था. घरेलू क्रिकेट में दुर्रानी सौराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेले.