कोरोना से जंग : ग्रामीण क्षेत्रों में दिखी जागरूकता, CM बघेल ने की तारीफ़ कहा – शहरी लोगों को ग्रामीणों से सीखना चाहिए
रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खतरे को जानते हुए भी जहां शहर के लोग शासन के निर्देशों को नजरअंदाज कर बेवजह शहर में यहां-वहां घूमकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं बस्तर जिले के सुदूर ग्रामीण अंचलों में इस महामारी को लेकर लोग ज्यादा जागरूक नजर आ रहे हैं। हैंडपंप,किराना दूकान सहित अन्य जगहों पर आदिवासी पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी दिनचर्या निपटा रहे हैं। सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने बस्तर के अंदरूनी ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लोगों द्वारा की जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की तारीफ की है। उन्होंने अपने ट्वीटर एकाउंट में सोशल डिस्टेंसिंग की फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि पानी लेने और किराना की आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के साथ जिस तरह सामाजिक दूरी के नियमों का पालन ग्रामीणों ने किया है, उससे हम शहरी लोगों को बहुत सीखने की जरूरत है।
दरअसल, जिले के अंतर्गत 120 से अधिक गांवों ने अपने आप को सील कर दिया है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके लिए बकायदा गांव की सीमा में कहीं पेड़ तो कहीं नाका बनाकर रास्ते को ब्लॉक कर बाहर से आने वालें लोगो का गांव में प्रवेश निषेध कर दिया गया है। इसके आलावा यदि कोई व्यक्ति गांव से बाहर भी जा रहा है तो गांववालों को कारण बताकर ही जाता है।
ग्रामीणो का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में कोराना वायरस की महामारी तेजी से फैल रही है, ऐसे में अपने गांव को इस महामारी से बचाने के लिए सतर्कता बरतनी जरूरी है। वही गांव में भी लोगों को इस महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिये गये सभी नियमों का पालन करवाया जा रहा है। इसके अलावा बच्चे बुर्जुगों से लेकर सभी व्यक्ति लॉकडाउन के आदेश का पालन भी कर रहे हैं।
ग्रामीणो ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस के लक्षण की भी पूरी जानकारी दी है। यदि किसी में इसके लक्षण दिख रहें हैं तो इलाज की पूरी व्यवस्था है। गांव के महिलाओं का भी कहना है कि वे शासन के आदेश का पूरा पालन कर रही हैं। हांलाकि उन्हे. शासन की तरफ से मास्क उपलब्ध नहीं हो पाया है, लेकिन उनके पास जो गमछा और रुमाल मौजूद है उसी से ही वे अपनी सुरक्षा कर रही हैं।