March 19, 2025

छत्तीसगढ़ के 12 स्कूलों में अमेरिका से ऑनलाईन मिल रही दूरस्थ शिक्षा

6289
FacebookTwitterWhatsappInstagram

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग की नई पहल जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं वहां ऑनलाईन पढ़ाए जाने के समर्थन में संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वयंसेवक भी आगे आ रहे हैं. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए स्कूलों में ऑनलाईन लाइव इंटररेक्टिव कक्षाओं की योजना शुरू करने की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद ही देश और दुनिया से कई शिक्षक और स्वयंसेवक इन कक्षाओं के संचालन करने में सहयोग दे रहे है. इन्हीं में से एक संयुक्त राज्य अमेरिका के मिनेसोटा की स्वयंसेवक अर्चना देवकर जो वर्तमान में बोस्टन साइंटिफिक रिसर्च के साथ काम कर रही हैं. उनके द्वारा परियोजना के तहत चयनित 12 स्कूलों में ऑनलाईन शिक्षा दी जा रही है. स्वेच्छा से रूचि लेते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाईन पढ़ाई के लिए शुरू किए गए पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अमेरिका की अर्चना देवकर जिन 12 स्कूलों में दे रही है उनमें चाम्पा, खरोरा, बेमेतरा, सेल, कोमाखान, बालोद, मुंगेली, खौना, सांकरा, नवापारा के दो स्कूल और बरना स्कूल शामिल हैं. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों में जहां विषयों के शिक्षक नहीं वहां विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई है. इन स्कूलों में वाई-फाई कनेक्टिविटी की व्यवस्था की गई है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई के लिए एलसीडी, प्रोजेक्टर, लैपटाप आदि की सुविधा की गई है। इन उपकरणों के माध्यम से लाइव (जीवंत) पढ़ाई कराई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा नवमीं से 12वीं तक के 12 शासकीय स्कूलों में ऑनलाईन पढ़ाए जाने की शुरूआत 10 फरवरी से की गई है. 50 घंटे से अधिक लाइव क्लास पहले ही आयोजित की जा चुकी है. छात्रों में ऑनलाईन शिक्षकों द्वारा सौंपे गए होमवर्क को भी साझा किया है. जिसका वर्तमान में मूल्यांकन किया जा रहा है और विद्यार्थियों के लिए व्यक्तिगत प्रतिक्रिया के साथ स्कूलों में वापस भेजा जाता है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और जुगाड़ स्टूडियों, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में तकनीकी टीम के विशेषज्ञों ने कला, वाणिज्य और विज्ञान (अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, हिन्दी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित) जैसे विषयों पर वीडियों विकसित किए है. इन्हें यू-ट्यूब चैनल – डीईएल (डिस्टेंस एजुकेशन लर्निंग) छत्तीसगढ़ पर 10 हजार से अधिक बार और 300 से ज्यादा घंटे तक देखा गया है. इसमें सभी विषयों की ई-कक्षाएं आयोजित होती है.आने वाले समय में इस योजना से करीब एक हजार स्कूलों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है. इसमें विभिन्न विषयों के ऑनलाईन वीडियों तैयार किए गए हैं।
योजना का उद्देश्य वंचित स्कूलों के बच्चों की ई-क्लास लगवाकर उनकी सिखने और समझने की प्रक्रिया सुनिश्चित करना और आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार करना है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र नवा रायपुर के माध्मय से शून्य बजट में दो जुगाड़ स्टूडियो बनाए गए हैं. यहां विषय विशेषज्ञ पहले तो अपनी विषयवस्तु का वीडियो शूट करवाते हैं और फिर उसका रिव्यू कर इसे राज्य के यू-ट्यूब चैनल डी.ई.एल. (दूरस्थ शिक्षा सीखना) पर अपलोड किया जाता है. पांच मिनट के वीडियों और लाइव-लेक्चर के माध्यम से पढ़ाई के बाद ऑनलाईन होमवर्क भी दिया जाता है. बच्चों को पढ़ाई ठीक से समझ में आ रही है या नहीं यह जानने के लिए जूम एप्प पर कॉन्फ्रेंसिंग टू-वे कम्युनिकेशन से बच्चों को होमवर्क भी दिया जाता है।
FacebookTwitterWhatsappInstagram

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
Exit mobile version