छत्तीसगढ़ में अधिकांश फसल पककर तैयार, लेकिन मजबूर हैं किसान
रायपुर । छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के कारण अधिकांश जिलों में रबी फसल की कटाई प्रभावित हो रही है। किसानों को न मजदूर मिल रहे हैं और न ही कृषि उपकरण, जबकि कई जिलों में खुद जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने कृषि कार्य के लिए उपकरण उपलब्ध कराने की तैयारी का दावा किया है। लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है। इसके चलते किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिख रही हैं।
किसानों को अब फसलों के बर्बाद होने का डर है। बता दें कि गेहूं की फसल पूरी तरीके से पक कर तैयार है लॉकडाउन की वजह से इसकी कटाई के लिए किसानों को कोई साधन नहीं मिल रहा है।
किसानों का कहना है कि उन्हें लॉकडाउन की स्थिति में काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की माने तो उनकी आधी फसल बर्बाद हो चुकी है। गेहूं के साथ-साथ किसनों ने गन्ने की भी फसल लगाई थी। जिसमें कुछ फसल तो बिक गई है, लेकिन कुछ बची हुई है। ऐसे में किसानों के सामने इन्हें बेचने की भी समस्या है।
सूबे के जांजगीर और पामगढ़ के कृषि विभाग की अनुविभागीय अधिकारी नीलम आजाद ने बताया कि रबी सीजन के फसलों की कटाई के लिए कृषि उपकरण उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। इसलिए प्रशासन ने किसान और मजदूरों को बिना किसी रोक-टोक के अपना काम करने की अनुमति है।
इसी तरह बेमेतरा जिले में भी साजा,बेरला विकासखंड का हाल हैं। जहाँ खेतों में पकी फसल काटने के इंतज़ार में सुख कर झड़ने लगी हैं। किसानों के सामने सब्सि मजदूरों और कृषि उपकरणों की हैं।
बहरहाल, अधिकारियों की अपनी दलीलें हैं लेकिन सच्चाई ये है कि अन्नदाता मायूस हैं. उन्हें सरकार से मदद की आस है। धरती पुत्र अब भगवान से भी प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना संकट जल्द से जल्द खत्म हो ताकि उनकी फसल कट जाए जिससे कि वे इनसे मिले पैसों से अपना घर चला सकें।