जनता कर्फ्यू के दौरान अंधे उत्साह में कलंकित हो गया इंदौर शहर
इंदौर । जनता कर्फ्यू में इंदौरियों की संकल्प शक्ति ने अभूतपूर्व नजारा पेश किया। पूरे शहर में सड़कों, चौराहों, कॉलोनियों, मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। लोग दिनभर घरों में ही रहे लेकिन शाम को वहीं हुआ, जिसका डर था। सुबह से घरों में दुबके रहे कुछ शहरवासियों का सब्र शाम को अचानक टूटा और वे सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर शेयर हुई इस करतूत से इंदौर देशभर में कलंकित हो गया। ऐसा करने वालों लोगों को खूब कोसा भी गया।
इन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए पुलिस ने भी कोई सख्ती नहीं दिखाई, जबकि कुछ लोगों का यह कदम वायरस के संक्रमण को बढ़ाने के लिए खतरनाक साबित हुआ होगा। सुबह से सूने रहने वाले राजवाड़ा चौक पर शाम को अचानक लोग जश्न मनाने पहुंच गए। शाम सवा पांच बजे राजबाड़ा पर स्थिति यह थी कि लग रहा था जैसे यहां कोई जश्न मना रहे हों। भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
लोग ये भी भूल गए कि जनता कर्फ्यू रात नौ बजे तक है और इसे लागू करने का उद्देश्य सिर्फ लोगों को भीड़भाड़ से बचाना है ताकि कोरोना वायरस की चेन तोड़ी जा सके, लेकिन कुछ लोग जोश में होथ खो बैठे।
शाम पांच बजते ही सैकड़ों की संख्या में लोग ढोल-ढमाकों के साथ राजबाड़ा पहुंचना शुरू हो गए। हर दिशा से वाहन राजबाड़ा की तरफ पहुंचे। दो पहिया वाहनों पर तीन-तीन लोग बैठे थे लेकिन न पुलिस ने इन्हें रोका, न ऐसे लोगों ने खुद की परवाह थी। सड़क पर निकलने से पहले इन्होंने यह भी नहीं सोचा कि उनकी यह हरकत 30 लाख शहरवासियों पर भारी पड़ेगी।
कोरोना का वायरस एक व्यक्ति के दूसरे से संपर्क आने से ही फैलता है। जनता कर्फ्यू का उद्देश्य सिर्फ इस वायरस की चेन तोड़ना है। एक घंटे तक सैकड़ों की संख्या में लोग राजबाड़ा के आसपास जमा रहे। सवा छह बजे के आसपास जब भीड़ अनियंत्रित होने लगी तो पुलिस ने मैदान संभाला और लोगों को खदेड़ना शुरू किया, हालांकि इसके बावजूद लोग राजबाड़ा के आसपास बने रहे।
बेसब्री का एक नमूना पाटनीपुरा चौराहे पर भी देखने को मिला। शहर में धारा 144 लागू होने के बावजूद शाम पांच बजे एमआईजी की तरफ से सैकड़ों लोग बैंड बाजे के साथ सड़कों पर उतर आए। गाड़ियों पर सवार ये लोग अपने हाथ में ढोल-ताशे और थालियां थामे थे। पाटनीपुरा चौराहे से ये लोग मालवा मिल चौराहे की तरफ निकल गए और देर तक वहां जमा रहे। इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी पुलिसकर्मियों ने कोई कदम नहीं उठाया, जबकि पुलिस चौकी भी कुछ कदम दूरी पर थी।