November 23, 2024

लॉकडाउन : पकी फसल का राह देख रहे खलिहान, पूछ रहे परेशान किसान – कब होही बिहान ?

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में अन्नदाता किसान लॉकडाउन के चलते खासे परेशान हैं। हालांकि कृषि कार्य को जरुरी निर्देशों का पालन करते हुए किसान पूरा कर सकते हैं इसके निर्देश राज्य सरकार ने पहले ही दे रखे हैं। बावजूद इसके मजदूरों के साथ परिवहन का अभाव अन्नदाताओं के सामने बड़ा संकट बन कर खड़ा हैं। खेत में कड़ी फसलों की कटाई की चिंता उन्हें प्रतिदिन सता रही हैं।
लॉकडाउन कहने को पांच अक्षरों का एक शब्द है लेकिन इस लॉकडाउन ने हर किसी की जिंदगी में ताला लगा दिया है।  साल भर कड़ी धूप, बारिश, ठंड में मेहनत कर लोगों का पेट भरने वाला अन्नदाता भी इसकी मार से बच नहीं पाया है। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में किसान परेशान हैं। हालांकि कृषि कार्य को जरुरी निर्देशों का पालन करते हुए किसान पूरा कर सकते हैं इसके निर्देश राज्य सरकार ने पहले ही दे रखे हैं। बावजूद इसके मजदूरों के साथ परिवहन का अभाव अन्नदाताओं के सामने बड़ा संकट बन कर खड़ा हैं।
देश भर में एक तरफ आमजन कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से डर के साए में जी रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण लोगों के पैरों में बेड़ियां पड़ गई हैं।  वजह सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ही इस भयावह कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। इसके चलते कृषि कार्य के लिए
नियम निर्देशों के साथ साथ  मजदूरों की संख्या भी निर्धारित कर दी गई हैं।

सरकार यह जरूर ढिंढोरा पिट रही हैं कि  सब कुछ सामान्य हैं। ट्रोल,सब्जी,दवाई,किराना सामान और दूध भर उपलब्ध होने से हर बात सामान्य नहीं कही जा सकती हैं। सूबे में एक ऐसा वर्ग भी है जो खुद दिन भर मेहनत कर दूसरों का पेट भरता है, ये वर्ग है अन्नदाता यानी किसान।  जो इस समय परेशान है क्योंकि उसकी पकी फसल उसकी ओर निहार रही है, खेतों से खलिहान जाने के रास्ते को ताक रही है। कुछ किसानों ने काम मज़दूरों के साथ फसलों की कटाई शुरू जरूर की हैं।

बात करें सूबे के सूरजपुर जिले की तो यह कृषि प्रधान जिला होने के कारण यहां के किसानों की जीविका का मुख्य साधन सिर्फ कृषि है।  धान के साथ ही यहां गेहूं का भी उत्पादन बहुतायत में होता है। साल भर की मेहनत के बाद किसानों की गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों को कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं।  जिससे किसानों को अपनी फसल की चिंता सता रही है।  परेशान और मजबूर किसान दिन-रात अपने खेतों की रखवाली में लगा हुआ है उसे डर है कि कहीं उनकी फसल उनके हाथ से ना निकल जाए। अब देखना होगा कि कब लॉकडाउन खुलता है और कब किसानों के माथे से चिंता की लकीरें दूर होती हैं।

कुछ ऐसा ही बेमेतरा जिले का हाल हैं, यहां के सक्षम किसान मशीनों के जरिये फसलों की कटाई करा रहे हैं। पर छोटे किसान आज भी मजदूरों के अभाव में फसलें नहीं काट पाए हैं।  जबकि बेमेतरा उन्हारी फसलों  के उपज के लिए देश भर में विख्यात हैं। यहां में लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार किया जा रहा हैं। बिलासपुर, धमतरी,राजनांदगांव,बालोद सहित काईन और जिलों से किसान के परेशान होने की ख़बरें आ रही हैं।

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