लॉकडाउन : पकी फसल का राह देख रहे खलिहान, पूछ रहे परेशान किसान – कब होही बिहान ?
सरकार यह जरूर ढिंढोरा पिट रही हैं कि सब कुछ सामान्य हैं। ट्रोल,सब्जी,दवाई,किराना सामान और दूध भर उपलब्ध होने से हर बात सामान्य नहीं कही जा सकती हैं। सूबे में एक ऐसा वर्ग भी है जो खुद दिन भर मेहनत कर दूसरों का पेट भरता है, ये वर्ग है अन्नदाता यानी किसान। जो इस समय परेशान है क्योंकि उसकी पकी फसल उसकी ओर निहार रही है, खेतों से खलिहान जाने के रास्ते को ताक रही है। कुछ किसानों ने काम मज़दूरों के साथ फसलों की कटाई शुरू जरूर की हैं।
बात करें सूबे के सूरजपुर जिले की तो यह कृषि प्रधान जिला होने के कारण यहां के किसानों की जीविका का मुख्य साधन सिर्फ कृषि है। धान के साथ ही यहां गेहूं का भी उत्पादन बहुतायत में होता है। साल भर की मेहनत के बाद किसानों की गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों को कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जिससे किसानों को अपनी फसल की चिंता सता रही है। परेशान और मजबूर किसान दिन-रात अपने खेतों की रखवाली में लगा हुआ है उसे डर है कि कहीं उनकी फसल उनके हाथ से ना निकल जाए। अब देखना होगा कि कब लॉकडाउन खुलता है और कब किसानों के माथे से चिंता की लकीरें दूर होती हैं।
कुछ ऐसा ही बेमेतरा जिले का हाल हैं, यहां के सक्षम किसान मशीनों के जरिये फसलों की कटाई करा रहे हैं। पर छोटे किसान आज भी मजदूरों के अभाव में फसलें नहीं काट पाए हैं। जबकि बेमेतरा उन्हारी फसलों के उपज के लिए देश भर में विख्यात हैं। यहां में लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार किया जा रहा हैं। बिलासपुर, धमतरी,राजनांदगांव,बालोद सहित काईन और जिलों से किसान के परेशान होने की ख़बरें आ रही हैं।