अडानी ग्रुप पर फूटा एक और बम, सभी शेयर धड़ाम, 3 घंटे में 35,000 करोड़ की लगी चपत
मुंबई। अडानी ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक बार फिर उनके ऊपर मुसीबतों का आसमान टूट पड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब एक नई रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर सवाल उठाये हैं. साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए थे जिसके बाद से कंपनी को काफी नुकसान हुआ. आलम ये रहा कि अडानी की दौलत आधी हो गई. वहीं, अब दुनिया के दिग्गज निवेशक जॉर्ज सोरोस की ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानि OCCRP ने अडानी ग्रुप के निवेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फर्म का दावा है कि अडानी फैमिली के भागीदारों ने शेयरों में निवेश करने के लिए ‘ऑफ शोर’ यानि Opaque फंड का इस्तेमाल किया है.
OCCRP की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप के कुछ सार्वजनिक तौर पर कारोबार करने वाले कंपनियों के शेयरों में “अपारदर्शी” मॉरीशस फंड के जरिये लाखों डॉलर का निवेश किया गया है, जिसने अडानी फैमिली के कथित बिजनेस पार्टनर्स की हिस्सेदारी को “अस्पष्ट” किया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने OCCRP की रिपोर्ट को बकवास बताया है.
3 घंटे में 35000 करोड़ की लगी चपत
ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. अडानी ग्रुप की ओर से आरोपों का खंडन करने के बाद भी शेयरों में बिकवाली देखने को मिल रही है. सभी दस के दस शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. अडानी पॉवर के शेयरों में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, जबकि अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 3.3 फीसदी तक गिर गए. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत में 2.50 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में 2.25 प्रतिशत की गिरावट आई. अडानी ग्रुप के सभी 10 के दस लिस्टेड कंपनियों में गिरावट की वजह में ग्रुप के कुल मार्केट कैप में 35624 करोड़ की गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार के कारोबार खत्म होने तक ग्रुप का मार्केट कैप 10,84,668.73 करोड़ था जो अब घटकर 10,49,044.72 करोड़ पर आ गया है.
ईमेल और फाइल के आधार पर लगाए आरोप
नॉन प्रॉफिटेबल मीडिया ऑर्गनइजेशन OCCRP ने कई टैक्स हेवन्स और इंटरनल अडानी ग्रुप के ईमेल से फाइलों की समीक्षा के आधार पर अडानी ग्रुप पर ये आरोप लगाए हैं. OCCRP ने कहा कि जांच में कम से कम दो मामले सामने आए हैं. इन मामलों में अडानी ग्रुप के निवेशकों ने ऑफशोर स्ट्रक्चर्स के माध्यम से अडानी स्टॉक्स खरीदा और बेचा है.
अडानी ने किया खारिज
ईटी के मुताबिक, OCCRP को दिए बयान में अडानी समूह ने कहा कि मीडिया हाउसेस द्वारा जांच की गई मॉरीशस फंड का नाम पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट में रखा गया था. कंपनी ने OCCRP के दावों को बकवास बताया है. ग्रुप का कहना है कि ये आरोप सिर्फ निराधार ही नहीं, बल्कि हिंडनबर्ग के आरोपों से दोहराए गए हैं. कंपनी ने कहा कि सभी नियमों का अनुपालन किया गया है.
अडानी ने जारी किया बयान
अडानी ग्रुप के बारे में बीते 24 अगस्त को भी PTI ने खबर दी थी कि सोरोस जो खुद को 24 नॉन प्रॉफिटेबल जांच केंद्रों की ओर से गठित एकइंवेस्टिगेटिंग रिपोर्टिंग मंच कहता है. यह यूरोप, अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में फैला हुआ है. यह एक शीर्ष भारतीय कॉरपोरेट यानि अडानी ग्रुप के खिलाफ नए आरोपों के प्रकाशन की योजना बना रहा है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कनेक्शन!
OCCRP की रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब जनवरी में अमेरिका बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर गैर कानूनी बिजनेस लेनदेन का आरोप लगाया था, जिसमें मॉरीशस जैसे टैक्स हेवन में इंस्टीटूशन का इस्तेमाल किया गया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ गुप्त तरीके के फंड अडानी की लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी रखते हैं. हालांकि कंपनी ने इन दावों को भ्रामक और बिना सबूत वाला बताया था. कंपनी का दावा था कि उसने कानून का पालन नहीं किया है.