…और अब 100 रुपए से 10 रुपए किलो पर आ गया प्याज, आलू चढ़ा
रायपुर/पुणे/बेंगलुरु। लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हैं। अधिकांश सब्जी मंडियां बंद हैं या फिर शर्तों के साथ काम समय के लिए ही खुल रही हैं। इस कारण सब्जियों की खपत भी कम हो गई है और इनके दाम जमीन पर आ गए हैं। रायपुर सहित देश के कई राज्यों के विभिन्न जिलों में प्याज (Onion) की स्थिति तो सबसे खराब है। 2019 में जहां एक किलो प्याज की कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई थी, वहां अब यह 20 रुपए के भीतर और कहीं कहीं तो यह 8 से 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
पुणे से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले पांच हफ्तों में प्याज की कीमत 50 फीसदी तक गिर गई है। दिल्ली, मुंबई के साथ ही नासिक और इंदौर के बाजारों में प्याज के थोक के दाम 8 से 10 रुपए प्रति किलो से ऊपर नहीं जा रहे हैं। पांच से छह हफ्ते पहले ये दाम 16 से 18 रुपए प्रति किलो थे। यही हाल रायपुर का हैं।
प्याज कारोबारियों का कहना है कि 2019 में रिटेल भाव 100 रुपए किलो तक जा पहुंचा था, जबकि अभी हालत खराब है। खेतों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। वहीं मंडी तक पहुंचने के बाद भी वहां ग्राहक नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता, उम्मीद नहीं है कि दाम कुछ ऊपर चढ़े।
इस बीच, आलू (Potato) को लेकर स्थिति अलग है। लॉकडाउन में आलू की खपत सबसे ज्यादा हुआ है। बाजारों में जो आलू 50 रुपए किलो बिक रहा था वो अब 80 रुपए किलो तक पहुंच गया है। रायपुर में आलू के भाव में ज्यादा वृद्धि दर्ज नहीं की गई हैं। यहां लगभग 25 से 35 रूपए के मध्य मिल जा रहा हैं। आलू व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण यह स्थिति बनी है। आलू के मंडियों तक ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हैं। एक ट्रिप के 3000 रुपए से 4000 रुपए तक मांगे जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में आलू 40 रुपए किलो बिक रहा है।
दक्षिण भारत की मंडियों में भी प्याज की हालत खराब है। एक हफ्ते पहले जो प्याज 40 रुपए किलो था, अब 10 रुपए किलो में भी नहीं बिक रहा है। लॉकडाउन यदि और आगे बढ़ा तो प्याज बाज़ार में माटी के मोल हो जायेगी।