March 30, 2025

..और जब हिन्दी के प्रश्नों ने ही उलझाया 12वीं के परीक्षार्थियों को !

question-02
FacebookTwitterWhatsappInstagram

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बोर्ड की परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। कक्षा 12वीं की परीक्षा में पहला पेपर हिन्दी का था।  प्रश्नपत्र भले ही हिन्दी का रहा हो, लेकिन अनेक सवाल ऐसे थे, जिनका उत्तर देने में छात्रों के सामान्य ज्ञान के साथ-साथ उनकी कल्पनाशीलता का भी परीक्षण कर लिया। इतना ही नहीं बस्तर के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के कोठियागुड़ा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य ने  सचिव छग माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र लिखकर सी सेट के प्रश्न क्रमांक 4  को पाठ्यक्रम से बाहर का बताते हुए बोनस अंक दिए जाने की मांग की हैं। 

आज के प्रश्नपत्र में प्रश्न क्रमांक  6 में छात्रों से दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखने कहा गया, जिसमें जगह-जगह आवारा घूमने वाले पशुओं की समस्या की ओर जनता और संबंधित अधिकारियों का ध्यान खींचा गया हो।  इस  सवाल का जवाब देना शहरी इलाकों की बजाए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए ज्यादा आसान था। 
 
प्रश्नपत्र के खंड ख के प्रश्न क्रमांक 3 में छात्रों से पत्रकारिता को लेकर सवाल किया गया था, जिसमें पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं, खोज परक पत्रकारिता किसे कहा जाता है। वहीं पीत पत्रकारिता और एंकर बाइट किसे कहते हैं, इस तरह के सवाल किए गए थे।  प्रश्नों से लगता है कि छात्र को पत्रकारिता का अ, ब, स भले ही न आता हो, लेकिन प्रश्न पत्र तैयार करने वाला शिक्षक के जरूर पत्रकारिता का छात्र रहा होगा। 
 
इतना ही नहीं प्रश्न पत्र में रही-सही कसर प्रश्न क्रमांक 5 से पूरी हो गई, जिसमें विज्ञापनों की लुभावनी दुनिया को लेकर छात्रों से आलेख लिखने के लिए कहा गया था. वहीं प्रश्न क्रमांक 6 में रेलवे के आरक्षित डिब्बों में अवांछित तत्वों के घुस आने से यात्रियों को हो रही अनेक प्रकार की समस्याओं का उल्लेख करते हुए चेयरमैन, रेलवे बोर्ड, रेल भवन, नई दिल्ली को पत्र लिखकर अपने सुझाव भेजने कहा गया था। 
 
इन प्रश्नों से आप सहज ही अहसास कर सकते हैं कि छात्रों का शिक्षा का स्तर भले ही न सुधरा हो, लेकिन उनसे प्रश्न पूछने वालों का स्तर बहुत ही आला दर्जे का हो गया है. लेकिन मूल मुद्दा यह है कि इन प्रश्नों को ग्रामीण और कस्बाई तो दूर क्या शहरी इलाकों में रहने वाला छात्र समझ पाएगा, और अगर समझ नहीं आया तो बिगड़े हिन्दी के प्रश्न पत्र के लिए अपने माता-पिता को कैसे जवाब देगा। बहरहाल आज बोर्ड परीक्षाओ का पहला दिन था। उम्मीद है आगे से इस तरह की त्रुटियां नहीं देखने को मिलेगी। 
FacebookTwitterWhatsappInstagram

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
Exit mobile version