कोरोना विकासशील देशों के लिए चुनौती ज्यादा है : पीएम मोदी
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने सार्क देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के हमने जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया है। इसके लिए भारत ने पहले से तैयारी की है। हमने एक-एक कर कदम उठाए जिससे हमको कोराना की रोकथाम मे सफलता मिली है। हमने जनवरी महीने से विदेश से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग की। हमने 66 कोरोना वायरस से निपटने के लिए सुविधा बढ़ाई है, जो इस बीमारी के महामारी घोषित होने से पहले किए। 1400 भारतीयों को विभिन्न देशों से लेकर आए। इसके लिए हमने मोबाइल टीम तैयार की , जो बाहर से आ रहे लोगों की जांच कर सके। हम अभी यह नहीं जानते की यह संकट वाकई में कितना बड़ा है। मैं भारत की कोरोना के साथ लड़ाई को आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने टेली मेडिसिन के सामान्य ढांचे का प्रस्ताव दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना विकासशील देशों के लिए चुनौती ज्यादा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, इसको हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित किया है। अब तक हमारे क्षेत्र में 150 से कम मामले सामने आए हैं, लेकिन हमें काफी सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनावायरस का मुकाबला करने की रणनीति तैयार करने के लिए सार्क नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सभी सात सदस्यों ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव का समर्थन किया था। सहमत होने वाले अंतिम सदस्य देश पाकिस्तान ने कहा था कि उसके स्वास्थ्य मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे।
एक ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा था कि सार्क देशों के नेतृत्व को “कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करनी चाहिए” और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हम हमारे नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
जानकार अधिकारियों ने बताया था कि पीएम मोदी, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के नेताओं से इस दौरान बात करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य पर विशेष सलाहकार जफर मिर्जा इस सम्मेलन में भाग लेंगे। बताते चलें कि साल 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन को रद्द करने के बाद से सार्क काफी हद तक निष्क्रिय हो गया था।