March 17, 2025

कोरोना से बचने के लिए आदिवासियों ने बनाया पत्तों से छत्तीसगढ़िया देसी मास्क

DESHI
कांकेर। देश भर में बस्तर के आदिवासियों का यह छत्तीसगढ़िया जुगाड़ वाला मास्क चर्चा में हैं। एक तरफ विश्व भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से हो रही महामारी से बचने के लिए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं, तो वहीं छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य इलाके में ग्रामीण खुद ही देसी जुगाड़ से इस महामारी से निपटने के लिए तैयार हैं।  कांकेर जिले के आदिवासियों ने जागरूकता की मिसाल पेश की है।  आदिवासियों ने वायरस के संक्रमण से बचने के लिए साल पेड़ के पत्तों से देसी मास्क बनाया है। 
आमाबेड़ा इलाके के भर्रीटोला गांव के आदिवासियों ने प्राकृतिक उपायों से खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए यह तरीका अपनाया है। आदिवासी परिवारों ने साल पेड़ के पत्तों से मास्क बनाया है. इसके साथ ही ग्रामीण घरों से बाहर भी नहीं निकल रहे हैं। 
आदिवासियों का कहना है कि आमाबेड़ा इलाके में कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क नहीं मिल रहा है और यहां से कांकेर शहर आने-जाने की सुविधा नहीं है, इसलिए आदिवासी इलाकों में देसी मास्क से सुरक्षा का आश्वासन दे रहे हैं। 
शहरी इलाकों में लोग इस महामारी से बचने के लिए रास्ते ढूढ़ने में लगे हुए हैं, वही अंदरूनी नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में कोई भी जिम्मेदार इसकी सुध नहीं ले रहा है।  ग्रामीण अब खुद ही अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं और देसी मास्क के साथ-साथ हाथ धोने और एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखने की जानकारी भी साझा कर रहे हैं। 
ये ग्रामीण कोरोना वायरस के बचाव को लेकर इतने सावधान और सतर्क हैं कि मजदूरी करके वापस लौट रहे लोगों को पहले अस्पताल जाकर चेकअप कराने भेजा जा रहा है, उसके बाद ही गांव के अंदर आने दिया जा रहा है।  इसके साथ ही बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश बंद कर दिया गया है। 

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
News Hub