छत्तीसगढ़ में ये हैं ‘बघेल वॉरियर्स’, पढ़िए कैसे कोरोना को ये टीम दे रही मात
रायपुर। छत्तीसगढ़ अपने कुशल प्रबंधन के चलते अब तक कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से काफी अच्छे से बचाव कर रहा हैं। सूबे के ज्यादातर जिले ग्रीन जॉन में हैं। केंद्र भी राज्य के इस आपदा प्रबंधन की कायल हैं। इतना ही नहीं यहाँ तेज़ी से संक्रमित ठीक हुए हैं। इसके बाद राजधानी स्थित एम्स के चिकित्स्कों से भी देश के अलावा सार्क देशों के डाक्टर भी वीसी के जरिये उंनसे इसकी जानकारी ले रहे हैं। यूँ तो प्रदेश में कोरोना से जंग लड़ने के लिए सब अपना अपना योगदान दे रहे हैं। इसके बाद भी ‘बघेल वॉरियर्स’ के बगैर इस जंग की चर्चा अधूरी रहेगी।
जहाँ एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार का स्वास्थ्य महकमा और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सार्वजनिक अवकाश के दिन भी बैठक कर, फिल्ड में उतर प्रतिदिन जायजा लेकर इस बात की चिंता कर रहे हैं कि कैसे इस महामारी से मुक्ति मिले। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने सभी जरूरी कार्यों को स्थगित कर कोरोना मुक्ति से जुड़े कार्यों की पल-पल की न केवल जानकारी ले रहे हैं बल्कि जिम्मेदारियां भी तय कर रहे हैं। प्रवासी मजदूर से लेकर राज्य के लोगों तक वह सभी जरूरी सामग्रियां पहुंचे इस बात की चिंता करते हुए हर एक घंटे की रिपोर्ट ले रहे हैं। बात अगर मुख्यमंत्री की टीम अर्थात ‘बघेल वॉरियर्स’ की करें तो मुख्यमंत्री के कोर कमेटी में 6 ऐसे सदस्य शामिल हैं जो दिन-रात कोरोना के खिलाफ जंग में भी अपनी आहुती दे रहे हैं।
भीतरखाने इस टीम के सभी 6 सदस्यों की जिम्मेदारियां तय है। सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का शत-प्रतिशत निर्वहन भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल की कोर कमेटी में एसीएस टू सीएम सुब्रत साहू, श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, उद्योग विभाग के सचिव अनिल टुटेजा,जनसंपर्क आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया शामिल हैं। इन्ही 6 सदस्यों ने मुख्यमंत्री के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ में कोरोना को मात देने की पूरी रणनीति बना काम कर रहे हैं। न केवल कोरोना को मात देने में बल्कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे इस की जो धरातली व्यवस्था है वह भी इस टीम के द्वारा तय किया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ के कुशल प्रबंधन की पुरे देश में चर्चा हैं। यहां की आर्थिक स्थिति की खुद आरबीआई ने भी प्रसंशा की हैं। परदे के पीछे से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे बघेल वॉरियर्स के जिम्मेदार और उनकी जिम्मेदारी पर भी सबको जानना चाहिए।
सूब्रत साहू – (मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव)
छत्तीसगढ़ में कोरोना के इस संकट काल में सबसे बड़ा काम हैं केंद्र और राज्य के बीच समन्वय स्थापित करना, केंद्र द्वारा जारी निर्देशों का राज्य में त्वरित क्रियान्वयन करना, धरातल के कार्यों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को समय समय पर सौपते रहना। इस कार्य को सुब्रत साहू बखूबी निभा रहे हैं।
सोनमणि बोरा – (श्रम आयुक्त- श्रमिकों को सुविधा पहुंचाने के नोडल अधिकारी)
छत्तीसगढ़ ही नहीं राज्य से बाहर भी फंसे मजदुर आज इस नाम से वाकिफ हैं। इनका मुख्य काम संकटग्रस्त व जरूतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करना, अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़ के फंसे हुए मजदूरों के लिए भोजन, आवास सहित अन्य व्यवस्था करना, राज्य के मजदूरों को सुविधा पहुंचाना।
डॉ कमलप्रीत सिंह – (खाद्य सचिव)
कोरोना संकट के इस घड़ी में राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक खाद्य सामग्री पहुंचाना, दो माह के लिए निशुल्क राशन पहुंचना सुनिश्चित करना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान वितरण तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व परिवहन सुनिश्चित करना।
अनिल टूटेजा – (उद्योग सचिव)
छत्तीसगढ़ के सबसे अनुभवी अधिकारियों में से एक, संकट और विपरित परिस्थितियों में बेहतर कार्य कर अपने अनुभव के लाभ से संकट के इस घड़ी में व्यवस्था बहाली में प्रमुख योगदान निभाना। हर समय चौकन्ना रहकर पूरी गतिविधियों पर बारीक नज़र रखना।
तारण प्रकाश सिन्हा – (जनसंपर्क विभाग के आयुक्त सह संचालक)
कोरोना संक्रमण के रोकथाम को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदम, जारि किए गए दिशा-निर्देश-आदेशों को जन-जन तक पहुंचाना, विभिन्न मीडिया के माध्यमों से सही-सटीक और त्वरित जानकारी पहुंचाना, कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने राज्यभर में हो रहे कार्यों का फीडबैक तैयार करना।
सौम्या चौरसिया -(मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव)
सीएम भूपेश बघेल के कोर कमेटी की एक मात्र महिला सदस्य, दिन-रात एक कर राज्य के सभी 28 जिलों से सतत संपर्क कर कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम में किए जा रहे उपायों की जानकारी और सूचनाएं एकत्रित करना, कहीं भी कमी-बेशी पर त्वरित दिशा-निर्देश जारी करना, अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना के कार्यों की मॉनीटरिंग करना, कोरोना संक्रमण रोकने समस्त कार्यों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंचाना, राज्य की वास्तविक स्थितियों से सीएम को अवगत कराना।
रायपुर एम्स बना वरदान : इसके बाद जिसकी चर्चा बेहद जरुरी हैं। कोरोना संकट के इस घड़ी में रायपुर एम्स वरदान बनकर सामने आया है। राज्य में अब तक के कुल 33 पॉजिटिव में से 23 पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, तो वहीं बाकी 10 के भी जल्द स्वस्थ्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि रायपुर में एम्स में जो 23 मरीज पूरी तरह से ठीक हुए उनमें नाबालिक युवक से लेकर 68 साल के बुजुर्ग तक शामिल है। एम्स के डॉक्टरों और मेडिकल टीम का ही कमाल है कि वे दिन-रात एक कर सभी मरीजों को न केवल स्वस्थ्य कर रहे हैं, बल्कि एक अच्छे और सकारात्मक वातावरण भी तैयार कर के रखे हुए है। यहाँ से संक्रमित व्यक्ति ठीक होकर हँसते हँसते घर को रवाना होते हैं।