जंगल में तड़प रही थी महिला, गाड़ी ले जाने का रास्ता नहीं था तो गोद में उठाकर पहुंचाया अस्पताल
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के घनघोर व पहुंचविहीन जंगल में एक महिला 4 दिनों से तड़प रही थी। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और नगर पंचायत की टीम को मिली। इसके बाद वहां पहुंचे नगर पंचायत और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने महिला को गोद में उठाया और करीब 2 किलोमीटर तक पैदल चले। इस दौरान कई नदी और नालों को भी पार किया। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. महिला कौन है और कहा से आई है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। बस खबर मिली कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र हिरोली डोका पारा में मलांगीर नदी के उस पार एक महिला जंगलो में स्थित एक झोपड़ी पर पड़ी है, उसे खाना भी नसीब नहीं हो रहा है। महिला ओड़िया में थोड़ा थोड़ा बात करती है। इसकी जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष मृणाल राय और किरंदुल सीएससी के डॉ संतोष कुमार के साथ कुछ मीडियाकर्मी वहां रवाना हुए।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र हिरोली डोका पारा तक चार चक्का वाहन बमुश्किल पहुंचता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ गई एम्बुलेंस को डोका पारा में ही छोड़ना पड़ा। इसके बाद नदी पार कर करीब 2 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। नदी पार कर जब देखा गया तो एक झोपड़ी बनी हुई थी उसमें महिला अचेत पड़ी थी। मौके पर मौजूद डॉ संतोष ने बताया कि महिला कई दिनों से कुछ खाई पी नहीं है, जिसके कारण सुस्त पड़ गई है। महिला को किरंदुल प्रोजेक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया गया. जहां महिला का इलाज जारी है।
प्रारंभिक जांच में महिला को मानसिक रोगी से ग्रस्त बताया जा रहा है। दरअसल कुछ दिनों पहले आंध्र प्रदेश से 126 मजदूर पहाड़ों के रास्ते आलनर, बेंगपाल पहुंचे थे, जिनकी जांच व होम क्वॉरंटाइन करने डॉ संतोष कुमार पहुंचे थे। तब इस महिला को उन्होंने देखा था।