जब मासूम ने शहीद पिता की चिता पर गाया ‘गोल-गोल रानी’ तो सभी की आंखें हो गई नम
जगदलपुर। कहा जाता है कि बचपन हर गम से बेगाना होता है। एक मासूम के पिता नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए। बच्चे को इसका जरा भी आभास नहीं है। बालक की मासूमियत और पिता को मुखाग्नि देने के दौरान गोल-गोल रानी…गीत गुनगुनाने से अंत्येष्टि में पहुंचे सभी की आंखें नम हो गई। शनिवार को नक्सल हमले में शहीद उपेंद्र साहू के पार्थिव शरीर का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ गृहग्राम में अंतिम संस्कार किया गया। अंत्येष्टि के मौके पर उपस्थित सभी लोग उस समय रोने लगे जब शहीद के मासूम बेटे ने बाल गीत गाया । गीत के बोल कुछ इस तरह है- गोल गोल रानी, इत्ता इत्ता पानी…।
करीब सात साल के मासूम बेटे को स्वर्गीय पिता की चिता को मुखाग्नि देने के पहले चिता के फेरे लगाने कहा गया तो वह बड़ी ही मासूमियत से गुनगुनाने लगा- गोल गोल रानी, इत्ता इत्ता पानी…। साथ ही पिता की मौत से अनजान बालक पार्थिव देह से बात करते हुए कहने लगा- कहां लगा है, नाक में? यह नजारा देखकर वहां मौजूद लोग अपनी आंखों में आंसू रोक नहीं सके।
गौरतलब है कि बस्तर जिला के मारडूम थाना अंतर्गत बोदली कैम्प से छसबल की पार्टी रोड ओपनिंग के लिए कल रवाना हुई थी। घोटिया मोड के पास पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस घटना में छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स सीएएफ के जवान प्रधान आरक्षक उपेंद्र साहू, निवासी पथरागुड़ा, जगदलपुर जिला बस्तर व प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह निवासी जनार्दनपुर जिला सतना, मप्र शहीद हो गए थे। आज सुबह गार्ड आफ ऑनर देकर पार्थिव शरीर को उनके घर भेजा गया।
शहीद के बेटे चार साल के लकी ने दो पंक्तियां ही गाई। उसी से माहौल गमगीन हो गया। दरअसल जब शहीद के पार्थिव देह को अंतेष्टि के लिए इंद्रावती के नए पुल के पास मुक्ति धाम लाया गया तब जवानों ने उनके सम्मान में पुष्प परिक्रमा की। मासूम लकी ने उसे खेल समझा और गाने लगा। जिस रिश्तेदार ने लकी को सम्हाला था वह उससे पूछता रहा। पापा को कहां लगी है। इधर..नाक में?