नक्सली हमले में शहीद हुए बेटे पर मां को है गर्व, नक्सलवाद से लड़ने दूसरे बेटे को भी भेजने तैयार
जशपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिलान्तर्गत चिंतागुफा के जंगल में शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हो गए। इन शहीद जवानों में कुनकुरी तहसील के हर्राडांड़ गांव का रहने वाला अमरजीत खलखो भी शामिल था।
अमरजीत की शहादत की पुष्टि होने के बाद कुनकुरी थाना प्रभारी विशाल कुजूर इसकी सूचना देने के लिए उसके घर पहुंचे। अमरजीत खलखो की मां को जैसे ही बेटे के शहीद होने की सूचना मिली, वे बिलख-बिलखकर रोने लगीं. थाना प्रभारी ने किसी तरह बुजुर्ग मां और दादी को सांत्वना देकर शांत कराया। शहीद अमरजीत ने अपने पीछे एक भाई और एक बहन को छोड़ा है। दो साल पहले अमरजीत के पिता ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, जिसके बाद से अमरजीत के कंधे पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी।
वैसे तो अमरजीत अविवाहित था, लेकिन उसकी शादी तय हो गई थी। उनकी मां ने नम आंखों के साथ टीआई विशाल कुजूर से कहा कि ‘चिंता मत करो बेटा, मेरा कलेजा बहुत मजबूत है, मैं अपने दूसरे बेटे को भी पुलिस में भेजने के लिए तैयार हूं.’ शहीद की मां ने बताया कि शुक्रवार को मोबाइल पर अमरजीत से बात हुई थी, उसने डयूटी पर जाने की जानकारी दी थी। बता दें कि शहीद अमरजीत खलखो का पार्थिव शरीर आज शाम 4 बजे के करीब हेलीकॉप्टर से आगडीह हवाई लाया जाएगा, वहां से सड़क मार्ग से उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव औरीजोरा लाया जाएगा।