मप्र : कांग्रेस की बैठक में विधायकाें ने सीएम कमलनाथ को दिया फ्री हैंड
भोपाल। दिनभर चले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राजधानी में कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ करीब 90 से अधिक विधायकों के शामिल होने की सूचना सामने आ रही है। बैठक में सभी विधायकों ने कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए कहा कि उनका निर्णय सभी को मान्य होगा। दूसरी ओर सीएम हाउस के बाहर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी होती रही।
कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी खरीद-फरोख्त कर प्रदेश को बदनाम करने पर आमदा है। उन्होंने कहा कि एसपी और बीएसपी विधायक हमारे संपर्क में है। दूसरी ओर सिंधिया समर्थक मंत्री उमंग सिंघार का बयान सामने आया है कि न तो वे और न ही कमलनाथ इस्तीफा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री कमल नाथ का कांग्रेस विधायक दल की बैठक में संबोधन जानकारी के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने विधायकों से कहा है कि वे अब मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें। अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। कमलनाथ ने कहा कि हम हार नहीं मानेंगे। कमलनाथ ने कहा कि साथियों, आज हम निराश बिलकुल नहीं है क्योंकि हमने तो 1977 का वो दौर भी देखा है, जिस समय इंदिरा गांधीजी भी चुनाव हार गई थीं। उस समय कांग्रेस पर संकट का दौर था। ऐसा लगता था कांग्रेस दोबारा वापस खड़ी नहीं हो पाएगी लेकिन कांग्रेस और मजबूती के साथ दोबारा खड़ी हुई और उसने कई वर्षों तक राज भी किया। हमने वो दौर भी देखा जब संजय गांधी को जेल में डाल दिया गया। कांग्रेस के उस संकट के दौर में भी हम इसलिए खड़े रहे कि हमारी कांग्रेस के प्रति निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना थी। कमलनाथ ने कहा कि आज ऐसा निराशा का दौर तो नहीं है, हम मजबूत स्थिति में हैं, हम असफल भी नहीं हुए हैं। भाजपा पहले दिन से ही हमारी सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई थी। उसने इन 14 माह में सरकार को अस्थिर करने के कई असफल प्रयास किए और हर बार मुहं की खाई। कांग्रेस सरकार ने 14 माह में मिलावट के खिलाफ “शुद्ध के लिए युद्ध” का अभियान चलाया, माफिया के खिलाफ अभियान चलाया, किसानों की कर्ज माफी की, युवाओें को रोजगार देने का काम किया। माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान मेरे ऊपर कई दबाव आए लेकिन मैं माफियामुक्त प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ अपने फैसले पर अडिग रहा। भाजपा को यह सब सहन नहीं हुआ और वह माफियाओं के साथ मिलकर तरह-तरह की साजिश रचती रही।
उन्होंने कहा कि आज हमें अपनों ने ही धोखा दिया लेकिन मैं उस राजनीति में जाना नहीं चाहता, सच्चाई सभी जानते हैं। मैं तो आज यह सोच रहा हूं कि जिन लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर भाजपा वाले साथ ले गए, उनको वे कैसे संतुष्ट करेंगे? यह सच्चाई भी सामने आ रही हैं कि कुछ लोगों को झूठ बोलकर व गुमराह कर साथ ले जाया गया है, उसमें से कई कांग्रेस के साथ धोखा नहीं करना चाहते थे, वह इस सच्चाई को आज स्वीकार रहे हैं। थोड़ा समय का इंतजार कीजिए ,सारी स्थिति और सारा सच सबके सामने आएगा। एक तरफ़ भाजपा के कार्यकर्ता है और दूसरी तरफ़ आज पद लेने के लिए दूसरे आ गए।
कमलनाथ ने कहा कि मैंने इन 14 माह में प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का निरंतर प्रयास किया। हमारे वचन-पत्र के वादों को पूरा करने का काम किया। विधायक साथियों ने अपने क्षेत्रों की जो-जो समस्याएं बतायीं, उसे तत्परता से करने का प्रयास किया।मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाता हूं जिस संकल्प के साथ हमने प्रदेश में सरकार बनायी थी वो हम हर हाल में पूरा करेंगे। आप सबका विश्वास और निष्ठा हमारे साथ और कांग्रेस के साथ है। मुझे अपने विधायकों पर और प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता पर पूर्ण विश्वास है कि वो प्रदेश में भाजपा द्वारा जिस तरह लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है उसका वे करारा जवाब देंगे।
विधायकों की संख्या बैठक में कितनी रही इस पर परस्पर विरोेधी सूचनाएं मिल रही हैं। एक जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चार निर्दलीय सहित 92 विधायक मौजूद थे वहीं दावा किया जा रहा है कि कुछ विधायक सूचना देने के बाद अनुपस्थित रहे।
बैठक के बाद शोभा ओझा ने कहा तमाम विधायक और स्वतंत्र विधायक भी मौजूद थे। हमारी संख्या अच्छी है इसलिये एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने सिंधिया का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। अनुपस्थित विधायक हमारे संपर्क में हैं। मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सीएम ने बैठक में कहा कि जो लाेग बाहर गए थे उन्हें सिंधिया और राज्यसभा के लिए ले जाया जा रहा है। उनके साथ धोखा हुआ है। हम विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे। भाजपा ने हॉर्स ट्रेडिंग की है। प्रियव्रत सिंह ने इसे सरकार गिराने की कोशिश बताया। शर्मा के अनुसार कमलनाथ की सरकार स्थिर है।
उमरिया से मिली खबर के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होनें अपने त्याग पत्र मे लिखा है कि म. प्र. कांग्रेस सरकार के घटना क्रम से आहत होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक होने के नाते मैं ज्ञानवती सिंह उपाध्यक्ष म.प्र. महिला कांग्रेस कमेटी से एवं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देती हूं।