April 16, 2025

महाराष्ट्र में सियासी संकट थमा, चुनाव आयोग ने MLC चुनाव की दी अनुमति

ec_maharastra
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नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र में गहरा रहे राजनीतिक संकट के बीच चुनाव आयोग ने आगामी दिनों में सूबे में 9 खाली सीटों पर चुनाव कराने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदान के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए जरूरी सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करना भी जरूरी हैं। बता दें कि प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच उद्धव ठाकरे इस मसले को लेकर खुद पीएम नरेंद्र मोदी से भी चर्चा कर चुके हैं। भारत निर्वाचन आयोग 9 विधानसभा सीटों पर जल्द चुनाव की घोषणा भी कर सकता है। 

बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की शुक्रवार को इस मसले को लेकर बैठक होने जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा फिलहाल यूएस में हैं और वे वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान दो अन्य इलेक्शन कमिश्नर भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बता दें कि चुनाव की घोषणा और मतदान में कम से कम 21 दिनों का अंतर होना चाहिए। ऐसे में चुनाव कार्यक्रम तत्काल घोषित किया जा सकता है जिससे 27 मई के पहले मतदान संपन्न कराया जा सके।

चुनाव आयोग की पॉलिसी के तहत कोई भी व्यक्ति जो मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है और वह उपयुक्त विधानसभा का सदस्य नहीं है उसे संवैधानिक जरुरत को पूरा करने के लिए चुनाव लड़ने की छूट दी जाती है। इसके लिए 6 महीने में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाती है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों पर चुनाव कराने की मांग की। इससे यह भी साफ हो गया है कि राज्यपाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की सदस्यता देने के इच्छुक नहीं हैं। इसके पूर्व 15 दिन पहले राज्य मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव भेजकर राज्यपाल से उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में भेजने की मांग की थी। लेकिन राज्यपाल ने अब तक इस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया है। इस मसले पर गुरुवार को राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के सचिव मिलिंद नार्वेकर ने पुनः राज्यपाल से मुलाकात की थी।

दुनियाभर में आतंक मचा रहे कोरोना ने भी फरवरी के आखिर में भारत में दस्तक दे दी थी। इसके चलते चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे के पद पर शपथ लेने के 6 महीने पूरे होने की स्थिति आ गई है। इसके चलते राज्य में सीएम कुर्सी पर संकट गहरा गया है। यही वजह है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से तत्काल चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की मांग भी की थी।

इसके साथ ही उद्धव सरकार ने विपक्षी दल भाजपा पर भी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। ऐसे सूबे में राजनीतिक स्थिरता के लिए पीएम मोदी से मदद मांगी थी। 

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