राम वनगमन पथ : रामगढ़,सीतामढ़ी को भी राज्य सरकार पर्यटन केन्द्र के रूप में करेगी विकसित
रायपुर। विश्व की प्राचीनतम गुफा नाट्यशाला के रूप में विख्यात सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखण्ड स्थित रामगढ़ तथा पुरातात्विक स्थल महेशपुर और कोरिया जिले के भरतपुर विकासखण्ड अंतर्गत सीतामढ़ी हरचैका शिव मंदिर को राज्य सरकार द्वारा राम वनगमन पथ पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस कड़ी में आज प्रदेश के मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सरगुजा जिलेे के रामगढ़ एवं महेशपुर और कोरिया जिले के सीतामढ़ी हरचैका का दौरा कर स्थल का जायजा लिया और पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा कर आवश्यक मार्गदर्शन दिए।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश में राम वनगमन के दौरान करीब 51 ऐसे स्थल हैं जहां राम ने कुछ समय बिताया था. इसे राम वनगमन पथ के रूप में विकसित किए जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. योजना के प्रथमचरण के तहत सरगुजा जिले के रामगढ़ सहित 9 केन्द्र शामिल हैं. इन स्थलों पर पर्यटक सुविधा केन्द्र, वैदिक विलेज, पैगोड़ा, वेटिंग शेड, पेयजल, सीटिंग बेंच, हाॅटल, वाटरफ्रंट विकास आदि विकसित किए जाएंगे. रामगढ, सरगुजा के ऐतिहासिक स्थलों में सबसे प्राचीन है. इसे रामगिरि कहा जाता है. रामगढ़ भगवान राम एवं महाकवि कालिदास से सम्बधित होने के कारण शोध का केन्द्र बना हुआ है।
प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण के साथ वनवास काल में कुछ समय रामगढ़ की पहाडी में बिताए थे. यहीं पर राम के तापस वेश के कारण जोगीमारा, सीता के नाम पर सीता बेंगरा एवं लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मण गुफा स्थित है. रामगढ़ से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महेशपुर की मान्यता है कि यह वनस्थली महर्षि जमदग्नि की तपोभूमि थी. वनवास के दौरान भगवान राम महर्षि जमदग्नि के आश्रम आए थे. इसी प्रकार मान्यता है कि महाकवि कालिदास ने मेघदूतम की रचना रामगढ़ की पहाड़ी पर की थी. रामगढ़ के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा यहां प्रतिवर्ष आषाढ़ के प्रथम दिवस में रामगढ़ महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है. इस दौरान जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।