रायपुर शहर में 600 लोगों को जकड़ बिरगांव पहुंचा पीलिया : छह नए मामले सामने आए, मचा हड़कंप
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पीलिया शहर के 600 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लेने के बाद नगर निगम बिरगांव पहुंच चुका है। सोमवार को जहां रायपुर में 22 नए मरीज मिले, वहीं बिरगांव में छह नए मामले सामने आए। बिरगांव में पीलिया मरीज मिलने के बाद निगम में हड़कंप मच गया। बिरगांव नगर निगम के आयुक्त श्रीकांत वर्मा के मुताबिक़ बिरगांव में पीलिया के छह मरीज पाए गए हैं। मरीज के मिलने के बाद उरकुरा में टीम भेजकर पाइप लाइन में लिकेज की जांच कराई गई लेकिन कुछ नहीं मिला है। मंगलवार को भी टीम जाकर पाइप लाइन की जांच करेगी।
रायपुर के बाद अब बिरगांव में भी पीलिया ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। बिरगांव में पीलिया के छह मरीज मरीज मिलने से बिरगांव नगर निगम के अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। जिसमें चार मरीजों की पुष्टि हो गई है। बिरगांव नगर निगम आनन-फानन में ब्लीचिंग पावडर और क्लोरिन टैबलेट को घर-घर बांटने का काम शुरू कर दिया है। निगम के अधिकारी हैंडपंप या फिर पावर पंप के पानी में गड़बड़ी होने की बात कह रहे हैं।ज्ञात हो कि बिरगांव नगर निगम अंतर्गत उरला, बिरगांव और उरकुरा में छह मरीज मिले हैं। जिसमें तीन मरीजों को ए और बी के लक्षण मिले हैं। सिर्फ एक मरीज को टाइप ई मिला है। वहीं दो मरीज संदिग्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है। पीलिया का मरीज मिलने के बाद बिरगांव नगर निगम द्वारा एनएम को भेजकर घर-घर जांच कराने काम शुरू कर दिया है। इसके साथ पीलिया से बचाव के लिए पंपलेट और क्लोरिन टैबलेट दिया जा रहा है। जिससे लोग पीलिया जैसी घातक बीमारी से बच सकें।
बड़ी संख्या में पीड़ितों के सामने आने के बाद रायपुर नगर निगम का अमला जहां पुरानी और जर्जर हो चुकी पाइप लाइन को बदलने के साथ प्रभावित इलाकों में टैंकरों से पानी सप्लाई में जुटा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम इन प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों को क्लोरिन की टैबलेट देकर उनके खून की जांच कर रही है। सोमवार को 22 नए मरीज सामने आए।
तीन अप्रैल से अब तक हुई जांच में कुल 610 पीलिया के मरीज मिले। इनमें से करीब 73 मरीजों का उपचार जिला अस्पताल पंडरी में चल रहा है। वहीं 63 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। शहर की सभी 34 पानी टंकी से जीवाणुयुक्त पानी की आपूर्ति के चलते पहली बार इतनी संख्या में पिलिया के मरीज पाये गए हैं।
वैसे, हर साल गर्मी शुरू होते ही पीलिया से 50 से 100 मरीज मिलते रहे है। यही नहीं इससे पॉश और निचली बस्तियों में पांच से छह लोगों की मौतें भी हुई। एक अनुमान के मुताबिक पांच साल में 250 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं।
नगर निगम के अफसरों और इसके जल विभाग की बेपरवाही का ही आलम है। कोरोना के इस संक्रमण काल में पीलिया सहित पेट संबंधी बीमारियों का कहर शहर पर टूट पड़ा है। इसके पीछे कारण है, पुरानी पाइप लाइन समय से नहीं बदला जा सका है। बता दें शहर की करीब 1300 किलोमीटर पाइप लाइन नालियों से होकर गुजरी है। इसमें भी टंकी की मुख्य राइजिंग पाइप लाइन भी लीकेज है। ऐसे में नालियों का तो गन्दा पानी आ रहा है। वैसे अभी इसके बदले जाने के काम मे निगम जुटा है ।लेकिन इतनी देर बाद निगम जागा।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सोमवार को कुल सात परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। बिरगांव एवं रायपुर शहर के वाल्मिकी नगर (कबीर नगर) के परीक्षण शिविर में संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय, प्रतीक सोनी राज्य इपिडिमियोलॉजिस्ट ने दौरा किया। सोमवार को पीलिया के 217 मरीजों का परीक्षण किया गया। इसमें सभी के खून की जांच लैब में भेजी गई।
तेलीबांधा में लगे शिविर में पीलिया पीड़ित और गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। 19 गर्भवती महिलाओं को ब्लड टेस्ट समेत अन्य लोगों को दवाई देकर सतर्कता बरतने की अपील की है।
सोमवार को निगम मुख्यालय में महापौर एजाज ढेबर ने अधिकारियों के साथ बैठक की। ढेबर ने अधिकारियों से कहा, पीलिया नियंत्रण के कार्य में किसी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए जोन स्तर पर प्राथमिकता बनाकर बेहतर पेयजल के लिए फोकस करें। इधर पीएचई के मुख्य अभियंता आरके चौबे ने रावणभाठा फिल्टर प्लांट के 80 एमएलडी प्लांट खारून नदी इंटेकवेल पहुंचकर जानकारी ली।
मामले को लेकर निगम आयुक्त सौरभ कुमार ने निगम सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से नगर निगम के सहायक अभियंता पीडी घृतलहरे और उपअभियंता योगेश यदु को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिये है।दोनों की ड्यूटी फिल्टर प्लांट में लगाई गई थी। विगत 19 अप्रैल को बिना किसी पूर्व सूचना के सहायक अभियंता घृतलहरे व उपअभियंता यदु अपनी ड्यूटी में अनुपस्थित पाये गये।