लॉकडाउन : छत्तीसगढ़ में अपराध भी डाउन, प्रदूषण में भी अभूतपूर्व गिरावट

रायपुर/बिलासपुर/दुर्ग । छत्तीसगढ़ में इसे कोरोना का खौफ कहें या लॉकडाउन का प्रभाव, लेकिन विभिन्न सेक्टरों से जो आंकडे सामने आ रहे हैं, वह सुखद हैं। राजधानी में भी प्रदूषण में अभूतपूर्व कमी दर्ज़ की गई हैं। पर्यावरण स्वच्छ होने से लेकर अपराध थमने जैसी तस्वीर दिखने लगी है। सूबे के तमाम जिले ऐसे हैं जहां सप्ताह भर के भीतर गंभीर प्रवृत्ति का एक भी अपराध पंजीकृत नहीं किया गया है। विभिन्न जिलों में जो अपराध कायम हुए हैं, उनमें धारा 144 का उल्लंघन करने, महामारी अधिनियम के मामले शामिल हैं। वही प्रदूषण के मामले में भी कई जगहों में एयर क़्वालिटी इंडेक्स में जबरदस्त सुधार हुआ है। लॉक डाउन के कारण 148 AQI का आंकड़ा 76 AQI तक पहुंच गया। 76 AQI तक पहुंचने का यह खुलासा रायपुर स्मार्ट सिटी के एयर सेंसर से हुआ है। रायपुर के सभी चौराहों में हवा साफ हुई।

लॉकडाउन के बाद और पहले के एक सप्ताह के अपराध के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो काफी अंतर साफ दिखाई देता है। हत्या, अपहरण, चोरी- डकैती, लूटपाट, छीना-झपटी आदि में एकदम से कमी आई है। राजधानी में ही जहां लॉकडाउन के एक सप्ताह पहले इस तरह के 18 मामले दर्ज किए गए, वहीं लॉकडाउन के बाद इसी प्रवृत्ति के अपराधों की संख्या शून्य है। हां, आपसी विवाद और मारपीट के इक्का-दुक्का मामलों का आना जारी है।
इसी तरह बेमेतरा,धमतरी, दंतेवाड़ा, महासमुंद, राजनांदगांव में भी लॉकडाउन के बाद गंभीर प्रवृत्ति का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया। जबकि इसके पहले के सप्ताह में अपराध दर्ज हुए हैं। राज्य में अपहरण के जितने भी मामले हैं, वास्तव में वे नाबालिगों की गुमशुदगी के हैं।
अकेला दुर्ग जिला ही ऐसा है जहां लॉकडाउन के बाद अपराध में एक का इजाफा हुआ है। लॉकडाउन के एक सप्ताह पूर्व अपहरण की चार और लूटपाट की एक घटना हुई थी। यानी गंभीर प्रवृत्ति के पांच अपराध हुए थे। जबकि लॉकडाउन के बाद हत्या का एक, अपहरण के दो और चोरी डकैती के तीन अपराध हुए। यानी गंभीर प्रकार के कुल छह अपराध दर्ज किए गए।
लॉकडाउन के एक सप्ताह पहले बिलासपुर जिले में 167 प्रकरण दर्ज हुए हैं। वहीं, लॉकडाउन के दौरान महज 42 प्रकरण ही दर्ज हुए हैं। इनमें गंभीर अपराधों में सिर्फ चोरी के मामले हैं। जबकि, अधिकांश प्रकरण साधारण मारपीट व आपसी रंजिश के हैं। वहीं, धारा 144 के उल्लंघन व महामारी अधिनियम के तहत करीब दर्जनभर प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
इसी तरह अंबिकापुर, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली व कोरबा, गौरेला-पेंड्रा व मरवाही जिले का भी हाल है। लॉकडाउन के बाद यहां एक भी गंभीर प्रकृति के मामले सामने नहीं आए हैं। जबकि, इसके पिछले सप्ताह में चोरी, लूट, व दुष्कर्म की घटनाएं आम थी।