लॉकडाउन: परिवहन- मजदूर का अभाव, किसान नहीं बेच पा रहे हैं सब्जियां
दुर्ग। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के आगे दुनिया लाचार नजर आ रही है. पूरी दुनिया इस वैश्विक महामारी से जूझ रही है। छत्तीसगढ़ में भी मंगलवार रात तक आंकड़ा 9 पहुंच गया, हालांकि इसमें से दो पूर्णतः स्वस्थ होकर एम्स से डिस्चार्ज भी हुए है। एक तरफ जहां लोग रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए परेशान हैं, वहीं किसानों के सामने भी फसल बचाने और सब्जियां बेचने की बड़ी चिंता खड़ी हो गई है और बिचौलिए इसका फायदा उठा रहे हैं। खेतों से सब्जियां निकल नहीं पा रही हैं।
कोरोना के डर से जहां मजदूर अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं और रोजी-रोटी का संकट है। वहीं किसानों के सामने भी नई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। दुर्ग में किसानों ने प्रशासन और शासन के सामने सब्जी मंडियां खोलने की गुहार लगाई है, जिससे वे अपनी फसल बेच सकें और लोगों को भी सब्जियां आसानी से मिल सकें। किसानों का कहना है कि बिचौलिए मनमाने दाम पर सब्जियां बेच रहे हैं, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं उनकी सब्जियां भी खराब हो रही हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संबोधन में व्यापारियों से अपील की है कि वे कालाबाजारी न करें। सीएम बघेल ने ऐलान किया कि छत्तीसगढ़ में थोक मंडी सुबह 8 से 11 बजे तक खुलेगी। बाजार में सब्जी भेजी जाएगी। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने बीते दिन खुद सड़कों पर उतर कर व्यवस्था देखी और सब्जियों के भाव खुद दुकानों में जाकर पता किया। इसके बाद काफी हद तक व्यवस्था दुरुस्त भी हुई हैं। बावजूद इसके परिवहन या मज़दूर की व्यवस्था न होने किसान खासे परेशान हैं। किसानों का कहना है कि इस संकट से सबको मिलकर लड़ना चाहिए। इसलिए हम यथासंभव उचित कीमत पर जनता तक सब्जियां पहुंचे उसके लिए प्रयासरत हैं।