लॉकडाउन में जंगल छोड़ सड़क पर उतरे वन्य प्राणी : बढ़ा खतरा, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने जारी की एडवायजरी
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के आसपास चिखली बारूका और कस गांव में बीते 3 दिनों में तेंदुए का आतंक काफी बढ़ गया है। वन विभाग भी यह मान रहा है कि लॉकडाउन के कारण जंगल में लोगों की आवाजाही कम हुई है और अब उल्टा वन्यजीव जंगल के बजाए गांव के आसपास पहुंच गए हैं। वन विभाग ने बच्चों और बूढ़ों को तो अपने खेत तक जाने में मना किया है। विशेषकर शाम का समय ग्रामीणों के लिए खतरनाक बताया गया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले मरोदा ग्राम पंचायत में तेंदुए ने एक बच्चे को घर के आंगन से उठा लिया था, जिससे बच्चे की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से वन विभाग काफी परेशान है. कई बार तेंदुए के गांव के भीतर पहुंचने की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए जंगल अकेले नहीं जाने या फिर काफी सावधानीपूर्वक जाने की सलाह दी है. शाम 6 बजे के बाद किसी भी स्थिति में जंगल नहीं जाने के लिए कहा गया है. डीएफओ ने खुद का और अधिकारियों का फोन नंबर सार्वजनिक करते हुए वन्य प्राणियों से संबंधित सूचना देने की अपील की है।
वनमंडल अधिकारी ने अपील की है कि गरियाबन्द जिला वन क्षेत्र होने के साथ-साथ वन्यप्राणी बाहुल्य जिला है. जिले में तेन्दुआ, भालू और अन्य वन्यप्राणी पाए जाते हैं, लेकिन लाॅकडाउन के कारण बहुत सी चीजें बदली हैं. वन क्षेत्रों में मानव दबाव कम होने एवं माहौल शांत होने के कारण वन्यप्राणी वनों से खुले क्षेत्रों में आने लगे हैं।
पिछले कुछ दिनों से हुए लाॅकडाउन के बीच वनों के करीब और वनों से घिरे हुये गांव में तेन्दुआ, भालू और अन्य वन्यप्राणी के विचरण की सूचना विभाग को लगातार मिल रही है. 25 और 26 अप्रैल की रात वन्यप्राणी तेन्दुआ गरियाबंद के आसपास के गांव बारूका, चिखली, कस में देखा गया था, जिसके शिकार की भी सूचना मिली थी।
- वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं स्वयं की सुरक्षा का ध्यान रखें, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटित न हो.
- कोई भी व्यक्ति अकेले जंगल न जाए.
- महुआ बीनने या अन्य वनोपज के संग्रहण के लिए जंगल जाने की जरूरत पड़ती है, तो दिन में ही जाएं, अकेले नहीं जाएं.
- इन सबके बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें.
- शाम 6 बजे के बाद किसी भी स्थिति में जंगल में नहीं रहें. वृद्ध और बच्चे घर पर ही रहें, वे जंगल बिल्कुल न जाएं.
- छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाए. यह भी ध्यान सुनिश्चित करें कि वे अपने बाड़ी में भी अकेले न घूमें.
- किसी भी प्रकार से वन्यप्राणी द्वारा कोई घटना होती है, तो तत्काल वन विभाग को सूचित करें.