सरगुजा : कुपोषण दूर करने में फायदेमंद साबित हो रहा है मैनपाट का ‘ब्रोकली”
अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कुपोषण से मुक्ति और सुपोषण को बढ़ावा देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में विशेष कार्यक्रम संचालित हो रहे है। बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं को भी बेहतर पोषण और स्वास्थ्य के लिए पोषक आहार दिए जा रहे है। सुपोषण के मामले में सरगुजा जिले के मैनपाट की स्थिति ठीक नही है। यहां कुपोषण का दर सरगुजा के दूसरे ब्लाक की तुलना में अधिक है। यहां के तिब्बतियों ने स्थानीय निवासियों को ब्रोकली की खेती से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। विदेशी फसल टाउ की लाभकारी खेती से मैनपाट के किसानों को जोड़ने वाले तिब्बती अब ब्रोकली की खेती के लिए न सिर्फ प्रोत्साहित कर रहे है बल्कि मैनपाट के साप्ताहिक बाजारों में भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे है। 50 से 70 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाला ब्रोकली यदा कदा अम्बिकापुर के बाजार में भी नजर आता है।
मैनपाट में सुपोषण के लिए यदि ब्रोकली को भी समाहित किया जाए तो कुपोषण से निपटने में मदद मिल सकती है। मैनपाट के उन्न्तशील कृषक शेरिंग धुंधुप ने बताया कि शीत ऋतु से ही ब्रोकली का उत्पादन शुरू हो जाता है। अभी भी इसकी पैदावार हो रही है। मैनपाट में कम रकबे में तिब्बती समाज के अलावा स्थानीय कुछ किसान भी इसकी खेती करने लगे हैं।
मैनपाट के बाजार में ही स्थानीय उत्पादन की बड़े आराम से खपत हो रही है। व्यावसायिक रूप से भी आने वाले वर्षों में इसका प्रचुर उत्पादन सम्भव है। मैनपाट के साप्ताहिक बाजारों में लोग जब स्थानीय सब्जी उत्पादकों के साथ तिबवतियों को ब्रोकली बेचते देखते है तो कोतुहलवश सब्जी की विशेषता और इसकी खेती के सम्बंध में जरूर पूछताछ करते है।
ब्रोकली बहुत लोकप्रिय सब्जी नहीं है पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह गुणों का खजाना है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए, सी और कई दूसरे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें कई प्रकार के लवण भी पाए जाते हैं जो शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
ब्रोकली देखने में काफी हद तक गोभी के जैसी ही लगती है। इसे सलाद के रूप में, सूप में या फिर सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ लोग इसे भाप से पकाकर खाना भी पसंद करते हैं। अम्बिकापुर शहर में भी कुछ लोग प्रयोग के तौर पर ब्रोकली की खेती कर रहे है।
जानकारों के मुताबिक यह दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए बेहद लाभकारी है। कैंसर होने की आशंका को भी यह कम करता है। अवसाद के खतरे से बचाव में भी यह लाभकारी है। फोलेट की कम मात्रा लेने से डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ब्रोकोली में फोलेट की भरपूर मात्रा पाई जाती है।