November 15, 2024

अफगानिस्तान की मशहूर मस्जिद में 1000 कबूतरों की भूख से मौत

काबुल। कोरोना संक्रमण का कहर सिर्फ इंसान ही नहीं अन्य जीव-जंतुओं को भी झेलना पड़ रहा है। ऐसे ही एक मामले में अफ़ग़ानिस्तान की मशहूर मज़ार ए शरीफ़ मस्जिद में पाले गए सफ़ेद कबूतरों  में से करीब एक हज़ार की भूख से मौत हो गयी है।  ये कबूतर मस्जिद में पाले गए थे और कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन में इन्हें दाना नहीं मिल पा रहा था।  लॉकडाउन में मस्जिद खोलने की अनुमति नहीं थी जिसकी सजा इन कबूतरों को मिली। 


चैनल न्यूज़ एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण मस्जिद लंबे समय से बंद रही जिस कारण इन पक्षियों को दाना नहीं मिला और इन्होंने दम तोड़ दिया।  मस्जिद की रखवाली करने वाले क़यूम अंसारी ने न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी को बताया कि कबूतर लगातार मर रहे थे क्योंकि उन्हें कोई दाना डालने नहीं आया। उन्होंने बताया, ‘हर रोज़ करीब 30 से अधिक डोव (सफ़ेद कबूतर) मर रहे थे। हम इन्हें इसी मस्जिद के बाहर दफ़ना देते थे.’ कयूम के मुताबिक अभी तक एक हज़ार से अधिक पक्षी मर चुके हैं। 

12वीं शताब्दी की यह मस्जिद नीली मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है क्योंकि इसके पत्थर नीले रंग के हैं।  देश में लॉकडाउन के दौरान बंद रही कई धार्मिक इमारतों में से यह मस्जिद भी एक है।  अफ़ग़ानिस्तान में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 21 हज़ार से अधिक है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि असल आंकड़े इससे कहीं अधिक होगें। 


बता दें कि अफगानिस्तान इस समय दोहरी मार झेल रहा है, यहां अभी तक 23000 से ज्यादा संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं जबकि 1000 से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो गयी है।  आतंकवाद के शिकार अफगानिस्तान में कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था चरमरा गई है।  हालात यह हैं कि अफगानिस्तान में कोरोना मरीजों को वेंटिलेटर तक नसीब नहीं हो रहे हैं।  देश में इस समय सिर्फ 400 ही वेंटिलेटर हैं।  देश में सिर्फ 400 वेंटिलेंटर ही मौजूद अफगानिस्तान की आबादी तीन करोड़ 90 लाख है और वहां सिर्फ 400 वेंटिलेंटर ही मौजूद हैं। 

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