नाशपाती की खेती से 1700 किसान हो रहे लाभान्वित, अन्य राज्यों के साथ बड़े शहरों में नाशपाती की मांग
किसान विरेन्द्र साल में नाशपाती से 3 लाख की कर रहे है आमदनी
किसान आज अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवनयापन कर रहे है
जशपुरनगर| जशपुर जिले के दूरस्थ अंचल के किसान अपने खेतों में साग-सब्जी के साथ चाय, काजू, मिर्च, टमाटर, आलू और नाशपाती की अच्छी खेती करते हैं। बगीचा विकास खंड क्षेत्र के पठारी क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर नाशपाती की पैदावार हो रही है। और किसानों को इससे अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है। जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ रहा है और वे आत्मनिर्भर बन रहे है। कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में किसानों को खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और किसान आर्थिक रूप से संपन्न बने इसके लिए कृषि विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग के द्वारा उन्हें छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत सचंालित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही उन्हें आधुनिक खेती की जानकारी दी जा रही ताकि जिले के किसान कम लागत से अच्छी आमदनी कर सके।
उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री आर.एस.तोमर ने बताया कि जिले के किसानों को नाशपाती की खेती के प्रति बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की फल क्षेत्र विस्तार योजना और नाशपाती क्षेत्र विस्तार योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। बगीचा विकासखंड के लाभांवित किसान श्री विरेन्द्र कुजूर उद्यान विभाग की नाशपाती क्षेत्र विस्तार योजना का लाभ लेकर अपने उद्यान में 250 पेड़ लगाए है। उन्हें प्रतिवर्ष नाशपाती फल से अच्छी आमदनी हो रही है। वर्ष 2021-2022 में फलदार पौधे से साल में लगभग 3 लाख रुपए आय प्राप्त कर चुके है। किसान अपने परिवार के साथ आज खुशहाल जीवन यापन कर रहे है।
उद्यान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जशपुर जिले में लगभग रकबा 750.00 हेक्टेयर में नाशपाती का उत्पादन कर रहे हैं और 660 मि.टन नाशपाती का उत्पादन जिले में हो रहा है जिले के लगभग 1700 किसान नाशपाती खेती से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इन दिनों बगीचा के पठारी क्षेत्रों के नाशपाती की मांग अन्य राज्य के साथ साथ बड़े बड़े शहरों में होने लगी है। जशपुर जिले की नाशपाती दिल्ली उत्तर प्रदेश रांची के अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में मांग की जा रही है और नाशपाती भेजा जा रहा है। योजनाओं से लाभान्वित किसानों ने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।