December 16, 2024

मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, Sanchar Saathi पोर्टल की मदद से बंद किए 52 लाख फर्जी सिम, 67 हजार डीलरों को भी किया गया ब्लैकलिस्ट

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नईदिल्ली। 52 Lakh Sim Card Deactivated: देश में फ्रॉड रोकने के लिए भारत सरकार संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल का काफी लोगों ने इस्तेमाल किया है.

गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “संचार साथी पोर्टल के लॉन्च के बाद से, हमने 52 लाख सिम का पता लगाया है और उन्हें निष्क्रिय कर दिया है, जो धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे. हमने मोबाइल सिम कार्ड बेचने में लगे 67,000 डीलरों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है.”

पहले चरण में 87 करोड़ से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन का विश्लेषण किया गया. इतने बड़े डाटा प्रोसेसिंग के लिए परम-सिद्धि सुपर कंप्यूटर का उपयोग किया गया. कई मामलों का पता चला जहां एक तस्वीर का इस्तेमाल कर सैकड़ों कनेक्शन प्राप्त किया गया था.

कुल 40.87 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन का पता लगाया गया है. उचित सत्यापन के बाद 36.61 लाख कनेक्शन पहले ही काटे जा चुके हैं. बाकी की भी जांच की जा रही है. ऐसे मोबाइल कनेक्शन बेचने में शामिल 40,123 प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) को सेवा प्रदाताओं द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और पूरे भारत में 150 से अधिक FIR दर्ज की गई हैं. इन नंबरों को उनके खातों से अलग करने के लिए डिस्कनेक्ट किए गए नंबरों का विवरण बैंकों, भुगतान वॉलेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ साझा किया गया है.

पोर्टल का लिंक (https://sancharsathi.gov.in) है. इस पोर्टल पर आप चोरी हुए या फिर गुम हुए फोन की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यहां आप चेक कर सकते हैं कि आपकी आईडी से कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं. अगर कोई सिम कार्ड एक्टिव है और वो आप इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यही से इसे रिपोर्ट करके बंद करा सकते हैं.

पोर्टल का इस्तेमाल कैसे करें-

अपने नाम पर दर्ज सिम कनेक्शनों की जांच करें

धोखाधड़ी वाले या अनावश्यक कनेक्शन की रिपोर्ट करें

चोरी/गुम हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करें

मोबाइल फोन खरीदने से पहले IMEI की सत्यता जांच लें

CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर)

यदि कोई मोबाइल चोरी हो जाता है या खो जाता है, तो उपयोगकर्ता पोर्टल पर IMEI नंबर जमा कर सकता है. जानकारी सत्यापित हो जाने के बाद, सिस्टम चोरी हुए मोबाइल फोन को भारतीय नेटवर्क में इस्तेमाल होने से रोक देता है.

यदि कोई चोरी हुए डिवाइस का उपयोग करने का प्रयास करता है, तो आप पोर्टल के जरिए डिवाइस का पता लगा सकते हैं. इसके बाद चोरी हुआ डिवाइस बरामद हो जाता है. यह सिस्टम चोरी/खोए हुए मोबाइलों के इस्तेमाल को रोकता है.

टेलीकॉम एनालिटिक्स (टीएएफसीओपी)

यह उपयोगकर्ता को कागज-आधारित दस्तावेजों का उपयोग करके उसके नाम पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन की संख्या की जांच करने की सुविधा प्रदान करता है. सिस्टम उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाले कनेक्शन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है. यह उन कनेक्शनों को ब्लॉक करने की भी अनुमति देता है, जिनकी आवश्यकता नहीं है.

एएसटीआर (टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर सत्यापन के लिए AI और चेहरे की पहचान)

नकली/जाली दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त मोबाइल कनेक्शन का उपयोग साइबर धोखाधड़ी के लिए किया जाता है. इस खतरे को रोकने के लिए, दूरसंचार विभाग ने धोखाधड़ी/जाली दस्तावेजों का उपयोग करके जारी किए गए सिम की पहचान करने के लिए एआई संचालित टूल – एएसटीआर विकसित किया है.

एएसटीआर ने चेहरे की पहचान और डेटा विश्लेषण की विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया.

पहले चरण में कागज आधारित केवाईसी वाले कनेक्शनों का विश्लेषण किया गया.

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