April 10, 2025

Adani Group ने अमेरिका में लगे सभी आरोपों को बताया निराधार, कहा- हम कानून का पालन करने वाले संगठन

adani green
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अहमदाबाद। जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में रिश्वत देने के आरोप लगाए है। इसके बाद आज अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी बिकवाली देखी गई। इस पर अब अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया सामने आ गई है। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ग्रुप ने मीडिया स्टेटमेंट में कहा, ‘अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के डायरेक्टर्स के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम इन आरोपों को खारिज करते हैं।

सभी संभव कानूनी उपाय किये जाएंगे
अडानी ग्रुप ने बयान में कहा, ‘जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा स्वयं कहा गया है, “अभियोग पत्र में आरोप लगाए गए हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक कि उन्हें दोषी साबित नहीं किया जाता।” सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे।’ बयान में आगे कहा गया, ‘अडानी ग्रुप ने हमेशा उच्चतम मानकों का पालन किया है और अपने सभी परिचालन क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और नियामक अनुपालन को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है।

क्या है मामला?
उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया। एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है।

अमेरिकी अटॉर्नी ने क्या कहा?
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अडानी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने बयान में कहा, ‘‘प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत साजिश रची।’’

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