April 27, 2024

अक्षय तृतीया में शादियों पर छाया ‘कोरोना ग्रहण’, टेन्ट, बैण्डबाजा, मैरिजहॉल, कैटरिंग का धंधा चौपट

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया का  पर्व पहली बार बगैर विवाह या गिने चुने शादियों  के साथ ही संपन्न होगा। आमतौर पर अक्षय तृतीया में सैकड़ों शादियां बिना मुहूर्त देखे संपन्न होती हैं। कोरोना के कहर ने सूबे में हज़ारों शादियां फिलहाल स्थगित करा दी हैं। इसका सीधा असर हज़ारों लोगों के रोजगार पर भी पड़ा हैं।  इसमें मुख्य रूप से कैटरिंग, बैण्ड, बस, मैरिजहॉल, मैरिज गार्डन, टेन्ट के व्यावसाय से जुड़े लोग हैं।  किसान भी आमतौर पर इस दिन अपने कृषि कार्यों की शुरुआत कर देता हैं। वह भी अब तक फसलें भी सही तरह से खलिहानों तक नहीं ला पाया हैं। 


कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं। लेकिन इस बार ऊपर से बनकर आईं इन जोड़ियों पर कोरोना का ग्रहण मंडराने लगा।  छत्तीसगढ़ के हजारों बनने वाले नए जोड़ों पर कोरोना की नजर लग गई है , राज्य में हजारों शादी स्थगित हो गई हैं।  राजधानी रायपुर में ही इस सीजन के लगभग चार हजार पांच सौ विवाहों की बुकिंग कैंसल कर दी गई है।  इससे हजारों लोगों के रोजगार पर सीधा-सीधा असर पड़ा है। 


कोविड-19 वैश्विक महामारी ने मांगलिक कार्य पर ग्रहण लगा दिया है।  अप्रैल से 1 जुलाई तक इस सीजन में विवाह के कई लग्न हैं।  इसके लिए कैटरिंग, बैण्ड, बस, मैरिजहॉल, मैरिज गार्डन, टेन्ट की बुकिंग लोगों ने कराई थी।  कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के खतरे को देखते हुए सरकार ने पब्लिक गैदरिंग पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है।  लॉकडाउन (Lockdown) के बाद भी इससे राहत मिलने के आसार कम ही हैं।  इसके चलते इस सीजन की लगभग सभी शादियां स्थगित कर दी गई हैं। 


एक जुलाई के बाद सीधे 25 नवम्बर को शादी का मुहूर्त है।  इस दौरान लगभग छ: माह का इंतजार विवाह के लिए करना पड़ेगा।देवउठनी एकादशी के बाद ही मांगली कार्य हो सकेगा।  रायपुर में मैरिज हॉल के संचालक अजय दुबे ने बताया कि अब तक कोरोना संक्रमण के चलते 12 शादियों का आर्डर कैंसल हो चुका है।  विवाह के दौरान हर वर्ष हजारों लेबर अलग अलग मैरिज हॉल में काम करते हैं, जिनका भी बड़ा नुकसान हुआ है।  सवा करोड़ से अधिक का नुकसान का दावा उन्होंने खुद किया है।  पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि कुछ ही मुहूर्त ऐसे हैं, जिसमें शादी हो जाती है, अब 25 नवम्बर को शादी का लग्न है इसलिए काफी इंतजार करना होगा। तब की परिस्थिति कैसी होगी या आज की ही तरह अनुमति उपरान्त सिमित मेहमानों के साथ विवाह की रीती सम्पन्न कराई जायेगी यह भी सब देखेंगे। 

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