March 30, 2025

सिविल जज की परीक्षा में धांधली का आरोप : गलत अभ्यर्थी के चयन का दावा, पीड़िता ने की कार्रवाई की मांग

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बालोद। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। जहां वर्ष 2023 पीएससी के सिविल जज की परीक्षा में ओबीसी जाति के अभ्यर्थी को अनुसूचित जन जाति आरक्षण का लाभ देते हुए चयन किये जाने का बड़ा मामला सामने आया है। ओबीसी वर्ग की अभ्यर्थी का नाम एसटी वर्ग चयन सूची में अंकित किया गया है। जिसकी शिकायत लोक सेवा आयोग में चयन सूची से निरस्त करने के लिए की गई है।

शिकायतकर्ता खेमलाल पाथरे अनुसार उनके छोटे भाई की पुत्री अन्जु पाथरे वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग व्यवहार न्यायाधीश की लिखित परीक्षा दी थी। साक्षात्कार में प्राप्त मेरिट कम के आधार पर वर्गवार चयन सूची जारी किया गया है। सूची के अध्ययन पर पाया गया कि, सरल क्रमांक 33 के अभ्यर्थी अत्नु प्रसाद का नाम एसटी वर्ग चयन सूची में अंकित है। जबकि, अत्नु प्रसाद जाति केंवट, जो ओबीसी वर्ग की हैं।

धोखे से अनुसूचित जनजाति के पद पर आरक्षित होने का आरोप
शिकायतकर्ता खेमलाल पाथरे का आरोप है कि, कोरिया जिले के बैकुंठपुर निवासी अत्नु प्रसाद ने अधिकारी कर्मचारी को अंधेरे में रखकर छल पूर्वक अनुसूचित जनजाति आरक्षित पद पर सम्मिलित हुई है। जबकि, कोरिया कलेक्टर के आदेश अनुसार वंशावली जमीन के खसरा, खतौनी बी वन आदि दस्तावेज में अभ्यर्थी अत्नु प्रसाद पिता राम शंकर और उसके पूर्वज की जाति केंवट वर्ग ओबीसी है। शिकायतकर्ता खेमलाल की माने तो अन्जु पाथरे कई दिनों के कठोर परिश्रम के बाद अपने लक्ष्य पर पहुंची थी।

शिकायतकर्ता ने कार्रवाई की मांग
सूची प्रकाशन बाद फर्जी जाति अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थी अत्नु प्रसाद जाति केंवट वर्ग ओबीसी के कारण उनकी पुत्री अंजू पाथरे का नाम अनुपूरक में है। सूची प्रकाशन एवं फर्जी अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थी कि जानकारी होने के बाद से अंजू मानसिक तनाव से बहुत परेशान हो रही है। अपने आप में ग्लानी महसूस कर रही है। उक्त फर्जी अनुसूचित जनजाति अत्नु प्रसाद के चलते अत्नु को मानसिक आघात पहुंचा है। उन्होंने फर्जी अभ्यर्थी अत्नु प्रसाद के ऊपर अपराध पंजीबद्ध कर कठोर कार्यवाही कर न्याय दिलाने की मांग की है।

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