अमेरिका: हनुमानजी की 25 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित, भारत में हुई है तैयार
वॉशिंगटन। अमेरिका के हॉकिंस शहर में हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। एक लाख डॉलर से भी ज्यादा की लागत से बनी यह 25 फीट लंबी और 30 हजार किलोग्राम वजनी प्रतिमा दक्षिण भारत के एक छोटे से शहर वारंगल में तैयार की गई है। यह प्रतिमा काले ग्रेनाइट पत्थर के एक ही टुकड़े से साल भर कड़ी मेहनत कर बनाई गई है। बता दें यह प्रतिमा अमेरिका में अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
गौरतलब है कि प्रतिमा को बनाने के पीछे कई निपुण कारीगरों और शिल्पकारों की हस्तकला का कमाल है। हस्तकला के ही चलते प्रतिमा के बनने में एक साल से भी ज्यादा का समय लगा है।
अमेरिका पहुंचाने के बाद इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हॉकिंस के 300 से भी ज्यादा हिंदू परिवार शामिल हुए। इस दौरान 10 दिनों तक पूजा-पाठ का आयोजन भी किया गया।
बता दें मूर्ति की स्थापना द हनुमान प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हुई है, जिसमें अमेरिका के अधिकतर हिंदू समुदाय के लोग शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, 25 फीट की इस प्रतिमा को जनवरी में हैदराबाद के शिप के जरिए न्यूयॉर्क के लिए रवाना किया गया, जिसके बाद इसे एक ट्रक पर रखकर डेलावेयर के सबसे बड़े हिंदू मंदिर तक पहुंचाया।
बेंगलुरु से पहुंचे पुजारी नागराज भट्टार ने मूर्ति के शुद्धीकरण के लिए पूजा-अर्चना की।
भट्टार ने कहा कि हम सभी मानते हैं कि डेलावेयर में आने के बाद, स्वामी हनुमान सारी चीजें लाएंगे, जैसे कि उन्होंने संजीवनी खरीदी थी। इसलिए सभी भक्तों और पुजारी का मुख्य केंद्र बिंदु यही था।
गौरतलब है कि इस प्रतिमा का अनावरण अमेरिकी सीनेटर क्रिस क्रॉन्स, न्यू काउंटी के सीईओ मैट मायर और डेलावेयर बेथानी हॉल-लांग के उपराज्यपाल ने किया।
डेलावेयर एसोसिएशन के हिंदू मंदिर के अध्यक्ष, पतिबंदा सरमा कहते हैं, प्रतिमा के समारोह के लिए हजारों लोग उत्सुक थे लेकिन स्थापना समारोह के दौरान कोरोना वायरस के चलते कई लोग शामिल नहीं हो सके।
सरमा ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इसे बनाने के लिए अथक प्रयास किए।
सरमा का कहना है कि स्थापना के बाद अगला कदम हिंदू समुदाय को कुछ समूहों में बांटकर प्रार्थना के लिए आमंत्रित करेंगे। इसके साथ ही आने वाले दिनों में यह मूर्ति को सभी धर्म के लोगों के लिए रखा जाएगा।