….और अब ‘कमलम’ नाम से जाना जाएगा ड्रैगन फ्रूट
गांधीनगर। आखिरकार अब ड्रैगन फ्रूट को गुजरात में नया नाम मिल गया है. दरअसल मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस फल के लिए ड्रैगन शब्द को अनुचित बताया और इसे ‘कमलम’ नाम दिया।
मीडिया से बातचीत करते हुए, सीएम ने कहा कि सरकार ने ड्रैगन नाम को ‘कमलम’ में बदलने के लिए एक पेटेंट के लिए आवेदन किया है.
मुख्यमंत्री ने बागवानी विकास मिशन के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि गुजरात सरकार इस फल को ‘कमलम’ नाम दे रही है.
ड्रैगन फ्रूट को ‘पिटाया’ (Pitaya) के नाम से भी जाना जाता है. ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम हिलरियस कैक्टस (Hilocareus cactus) है. ये फल संतरे, आम, पपीता और केले की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है.
सीएम ने कहा कि भले ही फल ड्रैगन फल के रूप में जाना जाता हो लेकिन यह सही नहीं लगता. कमलम शब्द एक संस्कृत शब्द है और फल कमल के जैसा होता है, इसलिए हमने इसे कमलम कहे जाने का फैसला लिया. इसके बारे में कुछ भी राजनीतिक नहीं है.
राज्य सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान के लिए कमलम नाम प्रस्तावित किया है.
गुजरात वन विभाग ने फल का नाम ‘कमलम’ रखने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 26 जुलाई 2020 के अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस फल का जिक्र किया था.
ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरे गुजरात में की जाती है. गुजरात के अलावा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी इस फल का उत्पादन किया जाता है.