December 25, 2024

विधानसभा : गृहमंत्री ने बताया, ऑनलाइन ठगी में तीन पायदान नीचे खिसका छत्तीसगढ़, 155260 पर कर सकते हैं शिकायत

vidhansabha

रायपुर| छत्तीसगढ़ पुलिस के साइबर सुरक्षा से जुड़े अमले ने चालू वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 46 लाख रुपए ऑनलाइन ठगों से बचाए हैं। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ठगी की सूचना तुरंत मिल जाए तो पुलिस कार्यवाही कर रही है। ऐसे मामलों में बैंक को पैसा ट्रांसफर करने से रोका गया है।

विधानसभा परिसर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने बताया, ऑनलाइन ठगी की शिकायत के लिए पुलिस ने एक नंबर 155260 भी जारी किया है। इसके कंट्रोल रूम में 24 घंटे ड्यूटी रहती है। जब भी कोई व्यक्ति ठगी का शिकार हुआ और तुरंत इस नंबर पर डायल करता है तो तुरंत कार्यवाही होती है। संबंधित बैंक से बात कर पैसा ट्रांसफर करने से रोक देते हैं। ताम्रध्वज साहू ने बताया, इस तरह करीब-करीब 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि बचा ली गई है।

दरअसल भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और रंजना साहू ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए ऑनलाइन ठगी का मामला उठाया था। उन्होंने करीब 24 मामलों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ अंतरराष्ट्रीय ठगी का गढ़ बन गया है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में कहा, पिछले तीन सालों में साइबर ठगी के मामलों में तुलनात्मक रूप से कमी आई है। 2017 में जारी ऑनलाइन ठगी के मामलों में छत्तीसगढ़ की रैंकिंग 17 थी। 2021 यह रैंकिंग 20 है। यानी यहां मामलों में कमी आई है।

साइबर क्राइम की जांच में 20 नए पदों का प्रस्ताव

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया, अभी वर्तमान में उपलब्ध बल से साइबर क्राइम की जांच कराई जा रही है। उन्हीं में से अधिकारियों-कर्मचारियों को लेकर अलग-अलग एजेंसियों से प्रशिक्षण दिलाया गया है। अभी 20 नए पदों के सृजन की मांग की गई है। जैसे ही ये पद हमें मिल जाएंगे नए सिरे से काम होगा।

तीन जिलों में क्राइम ब्रांच भी करेगी जांच

गृह मंत्री ने बताया, अभी पूरे प्रदेश में थाना, जिला और रेंज स्तर पर साइबर क्राइम की निगरानी की जा रही है। रोकने के उपाय किये जा रहे हैं। सर्वाधिक घटनाओं वाले तीन जिलों को फोकस कर वहां अलग से क्राइम ब्रांच की स्वीकृति दी है। साइबर के लिए तीन करोड़ की लागत से एक अलग से बड़ा भवन भी बनाया जा रहा है। उसमें आधुनिक उपकरण लगेंगे ताकि साइबर अपराध को होने से भी रोका जा सके और अपराध हाे जाए तो जल्दी उस पर कार्यवाही की जा सके।

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