‘बस्तर में कुछ सालों में 66 हजार लोगों का धर्मांतरण’, गोपनीय रिपोर्ट का दावा, सर्व आदिवासी समाज की चेतावनी
बस्तर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक गंभीर मुद्दा है। धर्मांतरण के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज और विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं ने कहा कि इलाके में अवैध रूप से आदिवासियों को बरगला कर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम ने कहा कि बस्तर में जो अवैध रूप से चर्च बनाए गए हैं उनको तोड़तकर हिन्दू देवी देवताओं की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने धर्मांतरण किया है हम उनके परिवार के संपर्क में हैं और उनकी वापसी की कोशिश कर रहे हैं।
गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा
राजाराम तोड़मे ने कहा कि 2011 की जनगणना के बाद एक गोपनीय रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि यहां 66 हजार लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि यहां आजादी के समय बस्तर इलाके में इतनी संख्या में ईसाई समाज के लोग थे। उन्होंने बताया कि एनजीओ के माध्यम से आदिवासियों को बरगलाकर ईसाई बनाया जा रहा है। इसे लेकर सर्व आदिवासी समाज और विश्व हिंदू परिषद आंदोलन करेगा।
बीमारी ठीक करवाने के नाम पर धर्मांतरण
उन्होंने कहा कि, हमने धर्म परिवर्तन करने वाले कुछ लोगों से चर्चा की है। उन्होंने हमें बताया कि एनजीओ और ईसाई संगठन के लोग उनकी बीमारी ठीक करने का दावा कर बस्तर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करवा रहे हैं।
ग्राम सभा ने लाएंगे प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि हमने कुछ अवैध चर्चों को चिन्हित किया है। कुछ ही दिनों के अंदर अब ग्राम सभा करेंगे जिसमें चर्च को तोड़ने पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर पांचवीं अनुसूची वाला क्षेत्र है। यहां ईसाई मिशनरियों को घुसने नहीं देंगे। शासन-प्रशासन पर दबाव बनाकर ये लोग जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर में धर्मांतरण न हो इसलिए सर्व आदिवासी समाज और विश्व हिंदू परिषद हमेशा रहेगा।
धर्मांतरण राज्य का गंभीर मुद्दा
बता दें कि बस्तर इलाके में लंबे समय से धर्मातंरण के मामले आ रहे हैं। इस मामले में जमकर सियासत भी हुई है। बीजेपी जब विपक्ष में थी तो धर्मांतरण को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमले कर रही थी।