बस्तर की बेटी सना ने दुबई में जीता एशियाज इनोवेशन एक्सीलेंस अवार्ड, बचपन से था इंटीरियर डिजाइन का शौक
जगदलपुर। बस्तर में जन्मी सना खान को बीते दिन दुबई में टैलेंट रिसर्चर कंपनी सीएमओ एशिया पेसीफेक ने उनके क्रियेटिव डिजाइंस और औद्योगिक डिजाइन के क्षेत्र में नवाचार के लिए एशियाज इनोवेशन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा है। वर्तमान में पुणे में रहने वाली सना का बस्तर की माटी से गहरा ताल्लुक रहा है। वे अपनी कंपनी के आय का एक हिस्सा बस्तर के लिए फाउंडेशन के माध्यम से खर्च करना चाहती हैं। यह फाउंडेशन वह अपने दादा और नाना के नाम स्थापित करना चाह रही है।
दुबई की सीएमओ एशिया फेसेपिक कंपनी सभी डिजाइन क्षेत्रों के युवा डिजाइनरों, वास्तुकारों और नवप्रवर्तकों को एक प्रतिस्पर्धी मंच प्रदान करने हर साल यंगेस्ट अचीवर अवार्ड के लिए चयन करती है। नवीन उत्पाद अवधारणाओं, डिजाइन की गुणवत्ता एवं कंपनी के सामाजिक सरोकारों के आधार पर जूरी इसके लिए प्रतिभागियों का चयन करती है। सना को महिला सशक्तीकरण व उनके रचनात्मक उत्पादों के साथ रोजगार के आयाम स्थापित करने के लिए चुना गया है। सना के पिता काजिम रजा खान पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। निजी कंपनियों में उनकी सेवाओं के चलते वे शहर से बाहर कई जगहों में सेवाए देते रहे। फलस्वरूप सना की पढ़ाई इंदौर, वाराणसी जयपुर व पुणे में हुई है। उन्हें बचपन से ही इंटीरियर डिजाइनिंग में रूचि थी। उन्होंने
फ्रांस में डिजाइनिंग प्रडेडक्ट में बैचलर डिग्री हासिल की। इसके बाद पुणे एनआईटी से मास्टर डिग्री ली। महज 23 साल की आयु में उन्होंने पुणे में ब्लैक कैनवास स्टूडियो नामक कंपनी लांच की। उनके क्रियेवटिव डिजाइंस प्रोडक्ट को दुनिया के कई देशों में पंसद कर खरीदा गया है।सना के दादा व नाना का पुस्तैनी परिवार जगदलपुर में रहता है। सना ने बताया कि उनका बस्तर से गहरा लगाव रहा है। इसलिए वे अपने दादा हसन व नाना खलील के नाम पर फांउडेशन की स्थापना कर रही हैं। इसके जरिए बस्तर में शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में कंपनी के आय का एक हिस्सा खर्च करेंगी। इसके साथ ही जरूरतमंदों को निश्शुल्क या रियायती भोजन की व्यवस्था भी करवाएंगी।