April 25, 2024

बेमेतरा : एक और शिक्षक की कोरोना से मौत, संयुक्त शिक्षक संघ ने प्रधान पाठक पर लगाए गंभीर आरोप

रायपुर । छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। सूबे में कोरोना की चपेट में शिक्षक भी लगातार आते जा रहे हैं। अब तक करीब आधा दर्जन शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इस बार बेमेतरा जिले से फिर एक  सहायक शिक्षक दीपक कुमार टंडन की मौत कोरोना से हुई है। जानकारी के मुताबिक दीपक सहायक शिक्षक एलबी शासकीय प्राथमिक शाला सुरहोली, विकासखंड बेरला में पदस्थ थे। 


संयुक्त शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने आरोप लगाया है कि  प्रधान पाठक ने शालेय कार्य करने के लिए स्कूल में उपस्थित होने का दबाव बनाया गया, जबकि शिक्षक अपने निवास स्थान से ही लगातार ऑनलाइन कक्षा लेकर शैक्षिक गतिविधि का संचालन कर रहा था। 
प्रधान पाठक के दबाव बनाने पर मजबूर होकर शिक्षक दीपक टंडन को असुरक्षित वातावरण में संस्था में उपस्थित होकर शालेय कार्यों को करना पड़ा इस दौरान वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गया। जब शिक्षक की तबीयत बिगड़ने लगी। तब उसे बालाजी हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।


संयुक्त शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन सहित  ममता खालसा, ओम प्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर,, गिरजा शंकर शुक्ला,  माया सिंह, नरोत्तम चौधरी, सोहन यादव, रूपानंद पटेल, ताराचंद जायसवाल, मुकुंद उपाध्याय, अमित दुबे, सचिन त्रिपाठी, संतोष टांडे, जिला बेमेतरा के जिलाध्यक्ष आशीष वर्मा एवं महिला प्रकोष्ठ के जिलाअध्यक्ष शिखा चौबे ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत शिक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना किया है। और सरकार से मांग की है कि दिवंगत शिक्षक के आश्रित को 50 लाख रुपये की बीमा राशि व सहायक शिक्षक पद में तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाए।


संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने इस घटना के साथ ही लगातार हो रहे इस तरह के घटना जिसमे शिक्षा विभाग कार्यो को स्वेच्छिक बताता हैं लेकिन धरातल पर इसके उलट दबाव व भय का वातावरण बनाकर जबरन शिक्षको से असुरक्षित वातावरण में कार्य कराया जाता हैं। ऐसे मामलों पर कड़ी नाराजगी व आपत्ति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल एवं शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम जी से हस्तक्षेप करते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। और जो अधिकारी व संस्था प्रमुख दबाव व भय का वातावरण बना रहे हैं उनके खिलाफ निलबंन सहित महामारी एक्ट व गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाय । साथ ही कोरोना संबंधी कार्य करने वाले शिक्षकों का अनिवार्य रूप से 50 लाख का बीमा करने का मांग किया गया हैं। संघ ने सरकार से मांग किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति आगे ना हो अन्यथा संघ को कड़ा रुख अख्तियार करते हुए धरातल पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। 

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