April 26, 2024

भूपेश कैबिनेट की बैठक कल : राज्य सरकार बनाएगी न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून

रायपुर।  केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में राज्य सरकार नए कृषि और श्रम कानून को विधानसभा के विशेष सत्र में पारित करेगी। प्रदेश सरकार इसके तहत मंडी अधिनियम में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम और श्रम अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लाएगी। किसानों के उपज की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी प्रावधान बनाने की पहल की जाएगी।

केंद्रीय कृषि कानून पर बेरियर लगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए नया कानून बनाने के ड्राॅफ्ट को कैबिनेट की 26 अक्टूबर को होने वाली बैठक में मंजूरी देगी। राज्य सरकार ने ड्राॅफ्ट बनाने की जिम्मेदारी कृषि, सहकारिता, खाद्य और विधि विभाग के अधिकारियों को दी है। अधिकारियों ने राज्य केे लिए नया कानून का ड्राॅफ्ट तैयार कर लिया है।

सूत्रों के अनुसार नए कानून में मूल रूप से मंडी कानून में संशोधन पर ज्यादा जोर दिया गया है। इसके तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे किसी व्यापारी द्वारा खरीदी की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही अगर किसी व्यापारी या कंपनी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कांट्रैक्ट फार्मिंग का अनुबंध किया तो उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। इसका अर्थ यह है कि एमएसपी एक कानूनी प्रावधान होगा। यह पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।


जमाखाेरी पर अंकुश लगाने स्टॉक लिमिट 

लाए जाने वाले विधेयक में साथ ही आवश्यक वस्तु के कानून में संशोधन किया जाएगा। जमाखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार होगा। इसके जरिए केंद्र ने व्यापारी को कितना भी अनाज और आवश्यक वस्तु के भंडारण करने की छूट दी है, उसे हतोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा।

 मंडी से बाहर खरीदी पर शुल्क 

राज्य सरकार मंडियों के बाहर होने वाले व्यापार या ई-ट्रेडिंग पर शुल्क लगा सकती है। इसके तहत मंडी के संचालन और संधारण नियमों में बदलाव किया जाएगा। वहीं किसानों को शीघ्र भुगतान दिलाने का प्रावधान किया जाएगा। विवाद की स्थिति में किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार होगा। केंद्र के कानून में किसानों को सिर्फ एसडीएम या कलेक्टर के पास जाने का प्रावधान है।

श्रम कानून में भी होगा परिवर्तन 

केंद्रीय श्रम कानून में किसी भी औद्योगिक संस्थान में छंटनी के प्रावधानों में किए गए परिवर्तन को निष्प्रभावी करने के लिए नया नियम बनाया जाएगा। राज्य में बड़े और मझोले किस्म के उद्योगों की संख्या कम होने के कारण राज्य के श्रमिकों को होने वाली दिक्कतों से बचाने का श्रम नियमों में संशाेधन किया जाएगा। केंद्र ने श्रम कानूनों में परिवर्तन कर काम के घंटे और छंटनी के नियमों में परिवर्तन किया था।

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